पनसारे, दाम्भोलकर और कलबुर्गी की नृशंस हत्या के बाद के एस भगवान, जनता के चितेरे और जनवादी लेखक को सार्वजनिक तौर से यह बताना पड़ रहा है कि उनकी हत्या का फरमान भी आदमखोर हत्यारों ने सार्वजनिक स्तर से जारी कर दिया है. इसके बाद हमें क्या करना चाहिए? यह सवाल अब और अधिक देर तक हमारे युवा जहन में नहीं रह सकता है.
इंकलाबी युवा लेखक मंच घोषणा करता है कि के.एस भगवान की हत्या के इस धमकी भरे खत के खिलाफ हम हर तरह से लड़ने को तैयार हैं, हम सभी लोग भगवान और उनके परिवार के साथ हैं, अपने लेखक को चाहने वाले इस बार की क्रूरता और हत्या पर व्यवस्था की ईंट से ईंट बजा देंगे.
लेखक की हत्या पर जिस देश में सत्ता-प्रतिष्ठान ने इसके खिलाफ कोई राष्ट्रीय सन्देश नहीं दिया गया. न ही लेखकों की हिफाजत का वायदा किया. यह लोकतंत्र तो कतई नहीं हो सकता. राजशाही हम चलने नहीं देंगे. यह बात अब संगठित हुए तमाम लेखकों के जरिये जनता के बीच लगातार तेजी से चल रही है. हम इसका स्वागत करते हैं. और इस अभियान में तमाम जनवादी युवा कलमकारों की तरह ही हर लेखक से इस अभियान में जुड़ने की अपील करते हैं. जनवादी ताकतें इससे मजबूत होंगी. और जनता के लेखक को जनता की ताकत से ही हिफाजत दी जा सकेगी.
इस मामले में इंकलाबी और विद्रोही युवा कलमकारों का संगठन बनने की तैयारी हो चुकी है. सभी युवा लेखक इस कार्यक्रम की रूपरेखा और घोषणा-पत्र जल्दी से जल्दी तैयार करने में युवा साथियों/लखकों की सहायता करें. लगातार संपर्क में रहें, इसी पब्लिक फोरम https://www.facebook.com/Revolutionary-Youth-Writers-Manch-908663675853527/timeline/ पर अपनी सहमतियाँ
ये अब नहीं चलेगा कि लोकतंत्र भी रहे और जनता के लेखकों की हत्या भी सरेआम होती रहे. तीन लेखकों की हत्याएं ताकतवर हत्यारों को बहुत भारी पड़ सकती हैं.
संयोजक :
इंकलाबी युवा लेखक मंच
(जनवादी लेखकों की हत्या के खिलाफ)