लाँग ड्राइव पर जाना अच्छा लगता है। आप भी जाते होंगे, पर कभी आपने सोचा है कि कार, ट्रेन या हवाई जहाज या यातायात के साधनों के बिना आप एक साल में कितनी दूरी तय कर सकते हैं? आइए आज आपको 10 ऐसे जीव-जन्तुओं के बारे में बताते हैं जो देश और सीमाओं के बंधन से दूर जाकर लंबी यात्रा करते हैं। इन जीवों की लंबी यात्रा देखकर आपको लगेगा कि मनुष्य ने भले ही यातायात के साधन विकसित कर लिए हैं, लेकिन अपने दम पर सफर करने में बहुत फिसड्डी है।
नारंगी मांस वाली सालमन मछली (Wild salmon flesh ranges in color from pink to orange) अपने जीवन के शुरुआती 2-3 साल नदी के ठंडे पानी में बिताती है। नदी में अंडे देने के बाद सालमन समंदर के खारे पानी की यात्रा (Sea salt water tour) पर निकल पड़ती है। 3-4 साल खारे पानी में बिताने के बाद यह मछली अपने आखिरी दिन बिताने के लिए नदी के ठंडे पानी में लौटती है।
समंदर में रहने वाला लेदरबैक कछुआ अटलांटिक और प्रशांत महासागर को पार करता है। खाने की खोज में यह
सील की यह प्रजाति कैलिफोर्निया के तट से अपनी यात्रा शुरू करती है और अंत में बिल्कुल उसी जगह पर लौटती है। यह हर साल 21,000 किलोमीटर का फासला पूरा करती है। इस दौरान यह समुद्र की असीम गहराई में काफी वक्त बिताती है।
इस स्तनधारी जीव हंपबैक व्हेल के नाम सबसे लंबी यात्रा का रिकॉर्ड है। हंपबैक व्हेल दुनिया के पांचों महासागरों को छूती है। जून जुलाई में यह यूरोप और अमेरिका की तरफ जाती है। सर्दियों में विषुवत रेखा के पास और नवंबर दिसंबर में दक्षिणी गोलार्ध के इर्द गिर्द।
कनाडा और उत्तरी अमेरिका में पाई जाने वाली मोनार्क तितली (monarch butterfly facts) सर्दियों से पहले हजारों किलोमीटर की उड़ान भर मेक्सिको जाती है। सिर्फ दो-तीन महीने जीने वाली ये तितलियां अपना ज्यादातर वक्त इधर से उधर जाने में ही खपा देती हैं। यात्रा के दौरान नेविगेशन के लिए वे पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का सहारा लेती हैं।
समंदर किनारे रहने वाली चिड़िया सेमीपालमैटेड सैंडपाइपर सर्दियों से ठीक पहले कनाडा छोड़ देती है और लंबी उड़ान भर अमेरिका के दक्षिणी इलाकों में पहुंचती है। बड़े झुंड में उड़ने वाले ये परिंदे बिना रुके अटलांटिक महासागर पार करने की क्षमता रखते हैं।
ड्रैगनफ्लाई (dragonfly in hindi) कहे जाने वाले कीटों की कुछ प्रजातियां चार पीढ़ियों तक लगातार सफर पर होती हैं। पुरानी पीढ़ी मरती जाती है और लगातार पैदा होती नई पीढ़ी आगे बढ़ती जाती है। सर्दियों में वह दक्षिण एशिया के लिए उड़ान भरती है। हवा और मैग्नेटिक फील्ड की मदद से उन्हें अपने रास्ते का पता चलता है।
बत्तख जैसा दिखने वाला यह परिंदा मूल रूप से न्यूजीलैंड के आस पास रहता है। लेकिन सर्दियों में ठंड से बचने और खाने की तलाश में यह प्रशांत महासागर के गुनगुने इलाकों का रुख करता है। शियरवॉटर (sooty shearwater migration distance) हर दिन 900 से 1,000 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। यात्रा पूरी करने में इन्हें 200 दिन लगते हैं।
113 ग्राम वजन वाली यह चिड़िया आर्कटिक टेर्न दुनिया में सबसे लंबी यात्रा करती है। हर साल यह उत्तरी ध्रुव के आर्कटिक सर्कल से दक्षिणी ध्रुव के अंटार्कटिक इलाके तक जाती है। जिस ध्रुव में ज्यादा सूरज चमकता है, यह चिड़िया वहां पहुंच जाती है।
रेंडियर (5,000 किलोमीटर)
रेंडियर या कारीबो (Facts About Reindeer) कहलाने वाला ये वन्य जीव यूरोप, एशिया और उत्तर अमेरिका में पाया जाता है। बर्फ पिघलने के बाद सामने आने वाली हरी घास चरने के लिए इनका झुंड एक दिन में 70 किलोमीटर का फासला तय करता है।
(जानकारी का स्रोत - देशबन्धु)