यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के एक हजार दिन पूरे हो चुके हैं, जिससे लाखों नागरिकों की जानें जा चुकी हैं और व्यापक विध्वंस हुआ है। संयुक्त राष्ट्र ने इस हिंसा का अंत करने के लिए एकजुट कूटनीतिक प्रयासों और राजनीतिक इच्छाशक्ति का आह्वान किया है। संयुक्त राष्ट्र समाचार की इस ख़बर से जानिए कि क्या यूक्रेन संघर्ष शान्ति की ओर बढ़ सकता है?
यूक्रेन पर रूसी सैन्य बलों के आक्रमण को एक हज़ार दिन पूरे हो रहे हैं, मगर देश में लाखों नागरिक अब भी व्यापक पैमाने पर मौतों, विध्वंस और हताशा से जूझ रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र में राजनैतिक एवं शान्तिनिर्माण मामलों के लिए प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो ने सोमवार को सुरक्षा परिषद की बैठक को सम्बोधित करते हुए हिंसक टकराव का अन्त करने के लिए राजनैतिक इच्छाशक्ति व एकजुट प्रयासों का आग्रह किया है.
उन्होंने कहा कि रूसी महासंघ ने फ़रवरी 2022 में पूर्ण स्तर पर यूक्रेन पर यह आक्रमण, संयुक्त राष्ट्र चार्टर व अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का खुलेआम उल्लंघन करते हुए किया था.
“एक हज़ार दिन बीत चुके हैं, यह युद्ध जारी है, बिना रुके. घातक लड़ाई पूर्वी व दक्षिणी यूक्रेन के ज़्यादा से ज़्यादा हिस्सों को अपने लपेटे में ले रही है.”
“व्यापक मौतों,
यूक्रेन पर रूसी सैन्य बलों के आक्रमण को एक हज़ार दिन पूरे हो रहे हैं, मगर देश में लाखों नागरिक अब भी व्यापक पैमाने पर मौतों, विध्वंस और हताशा से जूझ रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र में राजनैतिक एवं शान्तिनिर्माण मामलों के लिए प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो ने सोमवार को सुरक्षा परिषद की बैठक को सम्बोधित करते हुए हिंसक टकराव का अन्त करने के लिए राजनैतिक इच्छाशक्ति व एकजुट प्रयासों का आग्रह किया है.
उन्होंने कहा कि रूसी महासंघ ने फ़रवरी 2022 में पूर्ण स्तर पर यूक्रेन पर यह आक्रमण, संयुक्त राष्ट्र चार्टर व अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का खुलेआम उल्लंघन करते हुए किया था.
“एक हज़ार दिन बीत चुके हैं, यह युद्ध जारी है, बिना रुके. घातक लड़ाई पूर्वी व दक्षिणी यूक्रेन के ज़्यादा से ज़्यादा हिस्सों को अपने लपेटे में ले रही है.”
“व्यापक मौतों, तबाही और हताशा के 1,000 दिन, जोकि लाखों यूक्रेनी नागरिकों के लिए बदस्तूर जारी हैं.”
रोज़मैरी डीकार्लो ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की गम्भीर चिन्ताओं के बावजूद, परमाणु हादसे का जोखिम वास्तविक है. योरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा प्लांट व अन्य सम्वेदनशील स्थानों पर सैन्य गतिविधि होने की ख़बरें हैं.
“ऐसी किसी भी घटना के नतीजे विनाशकारी होंगे और इस आशंका से हम सभी को भयभीत होना चाहिए. सभी पक्षों के लिए यह अनिवार्य है कि परमाणु सुरक्षा व सलामती के लिए ज़िम्मेदारी के साथ क़दम उठाए जाएं.”
अवर महासचिव ने कहा कि हाल ही में कोरिया लोकतांत्रिक जनगणराज्य (डीपीआरके) के हज़ारों सैनिकों को हिंसक टकराव से प्रभावित इलाक़ों में तैनात किए जाने और उनके लड़ाई में शामिल होने की ख़बरें हैं.
“यह आग को और भड़काने का काम करेगा, जिससे यह विस्फोटक और भड़केगा व इसका अन्तरराष्ट्रीयकरण होगा.”
शान्तिनिर्माण मामलों की शीर्ष अधिकारी ने सचेत किया कि योरोप में इस हिंसक टकराव के विश्वव्यापी नतीजे हो सकते हैं, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता कमज़ोर और भूराजनैतिक दरारें गहरी हो रही हैं.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ख़तरनाक मार्ग से पीछे हटते हुए, एकजुट कूटनैतिक प्रयासों व राजनैतिक इच्छाशक्ति के साथ “इसका अन्त किया जाना होगा.”
“The targeted devastation of Ukraine’s energy infrastructure may make the coming winter the harshest since the start of the war”
– Rosemary DiCarlo, head of @UNDPPA, on behalf of the Secretary-General, 18 Nov 24 pic.twitter.com/30KPNgD6PX
Web Title : 1,000 days of the Ukraine war: devastation, despair and a plea for peace