Hastakshep.com-देश-First Surgical Strike-first-surgical-strike-Indian Ambassador to the United Nations Syed Akbaruddin-indian-ambassador-to-the-united-nations-syed-akbaruddin-International Terrorist-international-terrorist-Masood Azhar-masood-azhar-Surgical Strike 3-surgical-strike-3-Terrorist Attack-terrorist-attack-अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी-antrraassttriiy-aatnkvaadii-आतंकी हमले-aatnkii-hmle-फर्स्ट सर्जिकल स्ट्राइक-phrstt-srjikl-sttraaik-मसूद अजहर-msuud-ajhr-संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन-snyukt-raassttr-men-bhaart-ke-raajduut-saiyd-akbruddiin-सर्जिकल स्ट्राइक 3-srjikl-sttraaik-3

फर्स्ट सर्जिकल स्ट्राइक : डियर मोदीजी मनमोहन सिंह ने हाफिज सईद को 14 दिन के भीतर अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करा दिया था

पुलवामा, उरी, पठानकोट आतंकी हमले (Terrorist Attack) के मास्टर माइंड आतंकी सरगना मसूद अजहर (Masood Azhar) को संयुक्त राष्ट्र के द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी (International Terrorist) घोषित किए जाने के लिए भारत सरकार और खासतौर से भारतीय राजनय, संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन (Indian Ambassador to the United Nations Syed Akbaruddin) बधाई और सराहना के हकदार हैं। लेकिन प्रधानमंत्री जी अगर मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया जाना 'सर्जिकल स्ट्राइक 3' (Surgical Strike 3) है तो मसूद अजहर और उसके साथ दो और खूंखार आतंकवादियों को भारी माल असबाब के साथ ससम्मान विमान में ले जाकर अफगानिस्तान के कंधार में आतंकवादियों को सौंपना क्या था!

आपका इतिहास ज्ञान कमजोर है लेकिन 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर आतंकी हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद को 14 दिन के भीतर मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा इसी संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद से अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करवाए जाने को क्या कहेंगे। सर्जिकल स्ट्राइक नंबर?

आप तो बस अमेरिका, चीन और पाकिस्तान पर अपने संपर्क-संबंधों का दबाव बनाकर इन दोनों आतंकवादी सरगनाओं को भारत लाकर उन पर मुकदमा चलवा दो। उनके किए की सजा दो।

और हां, उस मुंए दाऊद इब्राहिम का क्या हुआ! वह भी पाकिस्तान में ही जड़ जमाए बैठा है। आप उसे वापस लाकर उसके किए की सजा दिलाने की बात कबसे करते आ रहे (इधर आप उसकी चर्चा कुछ कम करने लगे हैं) हैं। क्या हुआ, कोई समस्या, दबाव।!

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जय शंकर गुप्ता वरिष्ठ पत्रकार हैं।

आप महाराष्ट्र को नक्सल मुक्त कहते फिर रहे हैं और उन कायरों ने गढ़चिरोली जिले में हमारे 16 जवान शहीद कर दिए।

कुछ भी हो, उड़ी, पठानकोट, पुलवामा में आतंकी हमलों, सीमा पर लगातार युद्ध विराम के उल्लंघन, गढ़चिरोली तथा, दंडकारण्य एवं अन्य इलाकों में आए दिन नक्सली हमलों में शहीद होने वाले हमारे जवानों के शव लगातार उनके घर पहुंचते रहने के बावजूद हम यह कह सकते हैं कि देश आपके हाथों में सुरक्षित है!

जयशंकर गुप्त

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं, देशबन्धु के कार्यकारी संपादक हैं।)

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