रायपुर, 23 जून। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कांग्रेस सरकार (Congress government) से भाजपा की तरह जुमलेबाजी न करने और आदिवासियों की समस्याओं (Tribal problems) के प्रति संवेदनशील होने का आग्रह किया है.
पार्टी ने कहा है कि नर्सिंग छात्राओं की छात्रवृत्ति एक माह पूर्व आबंटित कर दिए जाने के दावे के बावजूद सच्चाई यही है कि अभी तक छात्राओं को यह राशि मिली नहीं है और उन्हें नौकरी देने के वादे पर सरकार ने चुप्पी साध रखी है. इसलिए 24 जून को छात्राएं अपनी छात्रवृत्ति और नौकरी खोजने के लिए 'रेंगने' के अपने फैसले पर अटल हैं. वे घड़ी चौक स्थित अंबेडकर मूर्ति से दोपहर 12 बजे से रेंगना शुरू करेगी.
आज यहां जारी एक बयान में माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि भाजपा का आदिवासीविरोधी चरित्र (BJP's anti-tribal character) तो स्पष्ट है. छात्रवृत्ति न देने की उसकी करतूत के कारण 68 आदिवासी छात्राओं को नर्सिंग का प्रशिक्षण छोड़ने के लिए बाध्य होना पड़ा है और जिन 32 छात्राओं ने किसी तरह प्रशिक्षण पूरा किया है, उनके परिवार कर्ज़ के फंदे में फंस गए है. जबकि यूरोपियन कमीशन के 1.165 करोड़ रुपये पिछले तीन सालों से सरकार के पास अमानत के रूप में रायपुर में स्टेट बैंक के खाता क्रमांक 323847007 में रखे हुए हैं.
माकपा नेता ने अपने इस दावे के संबंध में अपने बयान के साथ स्वास्थ्य विभाग का एक परिपत्र भी संलग्न करते हुए पूछा है कि यदि बस्तर और सरगुजा विकास प्राधिकरण को आबंटित राशि से छात्रवृत्ति दी जा रही है, तो सरकार बताए कि यूरोपियन यूनियन द्वारा दिये गए पैसे कहां गए? इस घोटाले के जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जा रही है??
पराते ने कहा कि पिछले 6 माह में 32 छात्राओं को छात्रवृत्ति दे पाने में अपनी असफलता के बाद अब सरकार को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि वह कब तक इन छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान करेगी और इन प्रशिक्षित नर्सों को स्टाफ नर्स की नौकरी देने में उसे कितना समय लगेगा? उल्लेखनीय है कि पूरे प्रदेश में और आदिवासी क्षेत्रों में नर्सों की भारी किल्लत है.