नई दिल्ली, 24 जनवरी, 2021 । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर चले रहे किसान आंदोलन को दो महीने पूरे हो गए हैं। इस समय सबकी नजर गणतंत्र दिवस पर प्रदर्शनकारियों द्वारा पूर्व घोषित दिल्ली में ट्रैक्टरों के साथ किसान परेड निकालने पर है। नए कृषि कानून के विरोध (Opposition to the new agricultural law) में राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों के आंदोलन का रविवार को 60वां दिन है और आंदोलनकारी इस समय ट्रैक्टर रैली निकालने की तैयारी में जुटे हैं।
बताया जाता है कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान समेत देश के अन्य प्रांतों से भी किसान रैली में शामिल होने के लिए ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली की सीमाओं पर पहुंच रहे हैं।
जानकारी के अनुसार एक लाख से अधिक ट्रैक्टर परेड में उतारने की तैयारी है और महिलाएं खुली ट्रॉलियों में जाएंगी।
किसान नेताओं के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के भीतर आउटर रिंग रोड पर किसान गणतंत्र परेड निकालने की तैयारी है। किसान गणतंत्र परेड में लाखों किसान शामिल होंगे। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 100 किलोमीटर के दायरे में यह रैली निकलेगी।
किसान यूनियनों ने शांतिपूर्ण ढंग से किसान गणतंत्र परेड निकालने की बात कही है।
इस संबंध में दिल्ली पुलिस के साथ शनिवार को हुई वार्ता में यूनियन के नेताओं ने ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति मिलने का दावा किया जबकि पुलिस ने कहा कि बातचीत
सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल किसान नेताओं ने बताया कि किसान गणतंत्र परेड आउटर रिंग रोड पर तय रूट पर निकालने की तैयारी चल रही है।
केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल लाए गए कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को निरस्त करने और तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग (Demand for legal guarantee for procurement of crops at minimum support price (MSP)) को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर 2020 से किसान डेरा डाले हुए हैं।
किसान यूनियनों के साथ 11वें दौर की वार्ता में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नये कानूनों के अमल पर डेढ़ साल तक रोक लगाने के सरकार के प्रस्ताव पर किसानों को पुनर्विचार करने को कहा।