इस वीडियो में प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी ने अदानी समूह, इजरायल और मोदी सरकार के गठबंधन पर चर्चा की है। उन्होंने इस गठबंधन के पीछे के आर्थिक और राजनीतिक उद्देश्यों का विश्लेषण किया है। प्रोफेसर चतुर्वेदी ने सवाल उठाया है कि क्या जनसंहार से मुनाफा कमाना नैतिक और उचित है?
प्रोफेसर चतुर्वेदी भारत और इजरायल के बीच संबंधों, विशेष रूप से हथियारों के व्यापार और इजरायल के मानवाधिकारों के हनन में भारतीय निगमों की कथित मिलीभगत के संदर्भ में चर्चा करती है।
- प्रोफेसर चतुर्वेदी का आरोप है कि अडानी समूह सहित भारतीय निगम इजरायल के हथियार उद्योग में गहराई से शामिल हैं और इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष में इस्तेमाल किए गए हथियारों की बिक्री से लाभ कमा रहे हैं।
- प्रोफेसर चतुर्वेदी इजरायल से बड़ी मात्रा में सैन्य हार्डवेयर खरीदने के भारत सरकार के फैसले की भी आलोचना करते हैं, उनका तर्क है कि यह संसाधनों की बर्बादी है और इस क्षेत्र में हथियारों की दौड़ में योगदान देता है।
- प्रोफेसर चतुर्वेदी ने आगे आरोप लगाया कि हथियारों की खरीद पर भारत सरकार का ध्यान गरीबी, बेरोजगारी और शिक्षा जैसे घरेलू मुद्दों को संबोधित करने से ध्यान भटकाने वाला है।
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Adani, genocidal Israel and Modi alliance