अवि शिवराज
COP29 में जलवायु परिवर्तन के समाधान पर फोकस करने की अपील, जहां UNFCCC प्रमुख साइमन स्टील ने वार्ताकारों से नाटकीयता छोड़ असल मुद्दों पर ध्यान देने का आग्रह किया। इस सम्मेलन में जलवायु वित्त, बच्चों के अधिकार, और जलवायु परिवर्तन से प्रभावित देशों की प्राथमिकताएं मुख्य चर्चा का विषय हैं। संयुक्त राष्ट्र समाचार की इस ख़बर से जानिए COP29 में विकसित देशों को वित्तीय सहयोग देने की आवश्यकता और बच्चों के लिए बेहतर जलवायु नीति की दिशा में कदम बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है...
‘नाटकीयता पर विराम लगाइए’: कॉप29 वार्ताकारों से समाधानों पर ध्यान केन्द्रित करने का अनुरोध
अज़रबैजान की राजधानी बाकू में यूएन का वार्षिक जलवायु सम्मेलन, कॉप29 अपने अन्तिम सप्ताह में है. जलवायु परिवर्तन मामलों के लिए यूएन संस्था (UNFCCC) के प्रमुख साइमन स्टील ने सोमवार को जलवायु वार्ताकारों से नाटकीयता के बजाय असल मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करने और एक नए वित्त पोषण लक्ष्य पर सहमति बनाने का आग्रह किया है, जोकि स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ने और जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली क्षति के भुगतान
UNFCCC के कार्यकारी सचिव साइमन स्टील ने कहा कि हम छोटी-छोटी बातों पर झगड़ करके, बड़ी तस्वीर को अपनी नज़रों से ओझल नहीं होने दे सकते हैं.
उन्होंने प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि इस सप्ताह जल्द से जल्द उन मुद्दों को सुलटाना होगा, जिन पर ज़्यादा मतभेद नहीं है, ताकि बड़े राजनैतिक निर्णयों के लिए फिर समय मिल सके.
पिछले सप्ताह सोमवार को बाकू में कॉप29 सम्मेलन आरम्भ हुआ था, जिसका इस वर्ष मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए वित्तीय संसाधनों को मज़बूती देना है.
सम्मेलन की शुरुआत में ही, यूएन के तत्वाधान में एक कार्बन बाज़ार के लिए मानक स्थापित किए जाने पर सहमति बनी, मगर जलवायु वित्त पोषण पर बातचीत धीमी व मतभेदों से भरी है.
साइमन स्टील ने कहा कि झाँसेबाज़ी, मतभेदों को कगार पर ले जाने की प्रवृत्ति और पहले से मंशा बनाकर की गई बातों से मूल्यवान समय ख़राब हो रहा है. साथ ही, एक महत्वाकाँक्षी पैकेज के लिए जिस सदभावना की आवश्यकता है, उसे भी ठेस पहुँच रही है.
उन्होंने क्षोभ जताया कि बहुत कुछ दाँव पर लगा हुआ है, और पहले किसी अन्य पक्ष के क़दम उठाने के इन्तज़ार में समय बीता जा रहा है, और इसे तभी रोका जा सकता है, जब सभी पक्ष एक साथ मिलकर क़दम बढ़ाकर, हमें साझा ज़मीन के नज़दीक ले आएं.
इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी कॉप29 सम्मेलन में अब तक हुई धीमी प्रगति पर चिन्ता जताई थी और सचेत किया था कि विकासशील देशों के समक्ष उपजी चुनौतियों के अनुरूप ही वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था की जानी होगी.
हमारे बग़ैर, कोई निर्णय नहीं
जलवायु मुद्दों पर बातचीत, बैठकों और उच्चस्तरीय कार्यक्रमों से इतर, कॉप29 में अनेक अन्य विषयों पर दिलचस्प चर्चाएँ हो रही हैं: जलवायु-स्वास्थ्य के बीच के सम्बन्ध से लेकर मानव विकास व शिक्षा तक.
सोमवार को इन कार्यक्रमों में बच्चों व युवाओं ने अपनी आवाज़ बुलन्द करते हुए, जलवायु परिवर्तन से रक्षा उपायों को अपनाने, पृथ्वी को और क्षति पहुँचाने से बचने और प्रकृति का संरक्षण करने का आग्रह किया. उन्होंने निर्णय-निर्धारकों से कहा कि युवाओं को जलवायु वार्ता में शामिल होने की जगह दी जानी होगी और बच्चों के लिए अलग से एक यूएन जलवायु सम्मेलन आयोजित करना होगा.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के एक अनुमान के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण विश्व भर में एक अरब बच्चों के स्वास्थ्य-कल्याण पर असर होने की आशंका है, जोकि बच्चों की कुल आधी वैश्विक आबादी है.
वायु प्रदूषण, संक्रामक बीमारियाँ, पर्यावरण क्षरण और चरम मौसम घटनाओं की वजह से बच्चों के स्वास्थ्य के साथ समझौता हो रहा है, उनकी शिक्षा में अवरोध पैदा हो रहे हैं और वे पोषण से वंचित हो रहे हैं.
शिक्षा पर असर
गाइड्स व स्काउट्स के लिए विश्व ऐसोसिएशन की जुआनिता ताम्बा ने यूएन न्यूज़ को बताया कि बाढ़ के कारण लाइबेरिया में स्कूलों को बन्द करना पड़ता और बच्चे पढ़ाई से वंचित हो जाते हैं.
“शुष्क मौसम के दौरान, हमें पानी लाने के लिए लम्बी दूरी तय करनी पड़ती है और पानी लाने की कोशिश करते समय अक्सर लड़कियों को हिंसा का सामना करना पड़ता है.”
पाकिस्तान की ज़ुनायरा, बाकू में सबसे युवा प्रतिभागियों में हैं और यूनीसेफ़ के समर्थन से कॉप29 में शिरकत कर रही हैं.
उन्होंने बताया कि जब उनके देश में बाढ़ आती है, तो संसाधन सीमित हो जाते हैं और हर किसी के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं होती है. बच्चे, विशेष रूप से लड़कियाँ सर्वाधिक प्रभावित होती हैं.
अज़रबैजान के रसूल ने युवजन के नेतृत्व में जलवायु कार्रवाई के मुद्दे पर यूनीसेफ़ द्वारा आयोजित एक प्रैस वार्ता को सम्बोधित किया और बताया कि कैस्पियन सागर के समक्ष किस तरह के ख़तरे हैं.
रसूल ने बताया कि बढ़ते तापमान और लम्बी अवधि तक खिंचने वाली ताप लहरों के कारण, कैस्पियन सागर में जलस्तर गिर रहा है. सिकुड़ते सागर के कारण अज़रबैजान की आबादी पर असर हो रहा है और देश में सर्दी व गर्मी का मौसम गर्म होता जा रहा है.
बच्चों को साथ लेकर चलना होगा
इससे पहले, यूनीसेफ़ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसैल ने अपने सन्देश में ध्यान दिलाया था कि कॉप29 और राष्ट्रीय जलवायु कार्रवाई योजनाओं में, देशों की सरकारों को बाल अधिकारों को प्राथमिकता देनी होगी.
उन्हें समाधानों में शामिल किए जाने की दरकार है, और विश्व नेताओं को स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, जल व साफ़-सफ़ाई प्रणाली को जलवायु परिवर्तन का सामना करने के इरादे से और अधिक मज़बूत बनाना होगा.
पेरिस जलवायु समझौते के तहत, देशों को अपनी राष्ट्रीय जलवायु कार्रवाई योजनाओं को अगले वर्ष यूएन के जलवायु सम्मेलन, कॉप30 में पेश करना है.
यूनीसेफ़ के अनुसार, फ़िलहाल क़रीब 50 फ़ीसदी योजनाओं में ही युवाओं व बच्चों की आवश्यकताओं का ध्यान रखा गया है, और केवल तीन प्रतिशत को ही बच्चों की भागेदारी के साथ तैयार किया गया.
Web title : ‘Stop the drama’: COP29 negotiators urged to focus on solutions