Hastakshep.com-समाचार-यूक्रेन ड्रोन हमले 2025,रूस-यूक्रेन युद्ध और ड्रोन हमले,यूएन रिपोर्ट: यूक्रेन में नागरिक हताहत,कम दूरी के ड्रोन हमलों का खतरा,ड्रोन टेक्नोलॉजी और युद्ध,युद्ध में ड्रोन के इस्तेमाल के नियम,नागरिकों पर ड्रोन हमले के दुष्प्रभाव

यूएन रिपोर्ट: ड्रोन हमलों में बढ़ती नागरिक हानि

  • ख़ेरसॉन में सबसे ज्यादा हमले, बसों और सार्वजनिक स्थलों को बनाया निशाना
  • ड्रोन हमलों में इस्तेमाल हो रही एडवांस टेक्नोलॉजी, फिर भी आम लोग निशाने पर!
  • यूक्रेन में जनवरी 2025 में 139 नागरिकों की मौत, 738 घायल

ड्रोन कैमरों के बावजूद नागरिकों पर हमले क्यों हो रहे हैं?

  • यूएन की चेतावनी: युद्ध में ड्रोन हमले गंभीर मानवाधिकार संकट पैदा कर रहे हैं
  • यूक्रेन में ड्रोन हमलों से आम नागरिकों की जान खतरे में!
  • 📌ख़ेरसॉन, ख़ारकीव, सूमी, दोनेत्स्क जैसे इलाकों में हमलों में बढ़ोतरी
  • 📌ड्रोनटेक्नोलॉजीकागलतइस्तेमाल, नागरिकों की जान पर संकट
  • 📌क्यायुद्धमेंड्रोनकाइस्तेमालअंतरराष्ट्रीयकानूनोंकाउल्लंघनहै?

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कम दूरी के ड्रोन: यूक्रेन में आम नागरिकों के लिए जानलेवा ख़तरा

यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निगरानी मिशन (HRMMU) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष जनवरी महीने में, किसी अन्य हथियार की तुलना में कम दूरी के ड्रोन से किए गए हमलों में ज़्यादा संख्या में लोग हताहत हुए हैं.

मंगलवार को जारी इस रिपोर्ट के अनुसार, इन ड्रोन हमलों से कारों, बसों, सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है, जिनसे अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून का उल्लंघन होने की आशंका जताई गई है.

यूएन निगरानी मिशन ने बताया कि जनवरी 2025 में, यूक्रेन में कम से कम 139 लोगों की मौत हुई है और 738 घायल हुए हैं. मिशन प्रमुख डेनियल बैल का मानना है कि कम दूरी के ड्रोन अब लड़ाई के अग्रिम मोर्चे पर आम नागरिकों के लिए जानलेवा ख़तरा बन गए हैं.

यूएन मिशन ने बताया कि जनवरी महीने में कम दूरी के ड्रोन हमलों से 95 फ़ीसदी हताहत, यूक्रेनी नियंत्रण वाले इलाक़ों में हुए, जबकि पाँच फ़ीसदी रूसी क़ब्ज़े वाले इलाक़े में

हुए.

अधिकाँश हमलों में जिन ड्रोन विमानों का इस्तेमाल किया गया, वो ऐसे कैमरों से लैस थे, जिनमें वास्तविक समय में ठिकानों व निशाना बनाए गए स्थलों की सटीक तस्वीरें दिखाई जा रही थी.

ऐसी टैक्नॉलॉजी के इस्तेमाल से, ड्रोन उड़ा रहे संचालकों को सैन्य व नागरिक ठिकानों के बीच अन्तर पता होना चाहिए, मगर यूएन टीम का निष्कर्ष इससे अलग है.

डेनियल बैल ने कहा कि उनका डेटा दिखाता है कि जिस तरह से कम दूरी के ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है उससे एक स्पष्ट रुझान उभरता है, और यह आम नागरिकों के लिए जोखिम है.

घातक घटनाएँ

लड़ाई के अग्रिम मोर्चे पर फँसे लोगों को इस वर्ष कोई राहत नहीं मिली है, बल्कि युद्ध में तेज़ी आई है और उसका दायरा बढ़ा है.

कम दूरी के ड्रोन हमलों से ख़ेरसॉन क्षेत्र में 70 फ़ीसदी आम नागरिकों की मौत हुई है. इस इलाक़े में सबसे अधिक संख्या में लोगों के हताहत होने की ख़बर है.

रिपोर्ट में 6 जनवरी को हुई एक घटना का उल्लेख किया गया है, जब एक ड्रोन के ज़रिये ख़ेरसॉन शहर में व्यस्त समय में सार्वजनिक बस को निशाना बनाया गया. इस हमले में एक पुरुष व एक महिला की जान गई जबकि आठ अन्य घायल हुए हैं.

यूएन मिशन ने ख़ारकीव, सूमी, डनिप्रो, दोनेत्स्क, ज़ैपोरिझझिया समेत अन्य अग्रिम मोर्चों पर भी ड्रोन हमलों के कारण जनहानि की बात कही है.

भयावह हालात

इन हमलों में जीवित बचे लोगों ने ड्रोन हमलों से ठीक पहले के घटनाक्रम पर जानकारी दी. माइकोलाइव के एक आम नागरिक ने बताया कि जब वह अपने बगीचे में काम कर रहे थे तो एक छोटा ड्रोन उनके सिर के ऊपर चक्कर काट रहा था. फिर वो सीधा उन पर आ गिरा.

“मुझे यह एहसास हुआ कि मेरे पास छिपने के लिए समय नहीं था. मैं ज़मीन पर गिरा और अपने हाथों से अपने सिर को ढंक लिया.”

“इस विस्फोट से मेरे कपड़े फट गए. मैंने किसी तरह से अपनी आँखों को बचाने की कोशिश की, इससे मेरी आँखों की रोशन बच गई, चूँकि ड्रोन विस्फोट के बाद, मेरी हथेलियों पर धातु के छोटे अंश धंसे हुए थे, जिन्हें बाद में सर्जन ने निकाला.”

व्यथित कर देने वाला रुझान

यूएन निगरानी मिशन के डेटा के अनुसार, वर्ष 2024 में कम दूरी के ड्रोन हमलों से हताहत होने वाले नागरिकों की संख्या में तेज़ उछाल दर्ज किया गया था. पिछले छह महीनों में यह संख्या बढ़ी है.

डेनियल बैल ने कहा कि ड्रोन पर कैमरा होने से नागरिक व सैन्य ठिकानों के बीच सटीकता के साथ अन्तर किया जाना सम्भव है, इसके बावजूद, यह चिन्ताजनक है कि आम नागरिकों की लगातार जान जा रही है.

यूक्रेन में मानवाधिकारों की निगरानी करने वाले विशेषज्ञों ने हिंसक टकराव के बीच, सभी पक्षों से आम नागरिकों की रक्षा करने के लिए तुरन्त क़दम उठाने पर बल दिया है.

Web Title: Drone attacks in Ukraine put civilian lives at risk!