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नवल किशोर स्मृति आलोचना सम्मान 2025: प्रविष्टियाँ आमंत्रित

युवा आलोचकों के लिए सुनहरा अवसर: नवल किशोर स्मृति सम्मान

हिंदी साहित्य और संस्कृति की प्रतिष्ठित पत्रिका "बनास जन" ने "नवल किशोर स्मृति आलोचना सम्मान 2025" के लिए प्रविष्टियाँ आमंत्रित की हैं। यह सम्मान युवा आलोचकों के लिए एक बड़ा अवसर है। प्रविष्टियों की अंतिम तिथि 30 मार्च 2025 है। अधिक जानकारी के लिए ....

नई दिल्ली, 21 जनवरी 2025: हिन्दी साहित्य और संस्कृति की पत्रिका बनास जन ने विख्यात आलोचक प्रो नवल किशोर की स्मृति में आलोचना सम्मान के लिए प्रविष्टियाँ आमंत्रित की हैं।

बनास जन द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि यह सम्मान प्रतिवर्ष गद्य साहित्य पर आलोचना अथवा वैचारिक आलोचना के लिए दिया जाएगा। इस सम्मान में प्रविष्टि के लिए आलोचक को लगभग 40000 अक्षर चालीस हजार शब्दों का एतद विषयक आलेख भेजना होगा। आलेख मौलिक और अप्रकाशित अप्रसारित होना चाहिए। प्रविष्टि भेज रहे आवेदक की कोई मौलिक पुस्तक प्रकाशित नहीं होनी चाहिए, लेख और समीक्षाएं भले ही प्रकाशित हो चुके हों। आवेदक की आयु सीमा 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।

बनास जन द्वारा उक्त आलेख का स्वतंत्र अंक के रूप में प्रकाशन किया जाएगा तथा सम्मान राशि भी भेंट की जाएगी। इस साल के लिए 30 मार्च 2025 तक प्रविष्टियां भेजी जा सकेंगी। प्रविष्टियां वर्ड फाइल में banaasjan@gmail.com पर यूनिकोड अथवा कृतिदेव 10 में टंकित कर भिजवाएं।

वर्ष 2024 के लिए उक्त सम्मान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की शोध छात्रा निवेदिता प्रसाद को उनके आलोचना विनिबंध को दिया गया था और इसे स्वतंत्र अंक के रूप में प्रकाशित किया गया था।

बनास जन द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि आलोचना के क्षेत्र में अपने अविस्मरणीय योगदान के लिए प्रो नवल किशोर को जाना जाता है। उनकी स्मृति को स्थाई रखने के लिए इस सम्मान को

प्रारम्भ किया गया है जिससे युवा अध्येताओं को भी नया मंच मिल सकेगा।

Web Title: Entries invited for Naval Kishore Smriti Alochana Award

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