लखनऊ, 28 अक्तूबर 2024. आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस आर दारापुरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में पुलिस हिरासत में हो रही इतनी अधिक मौतें योगी राज में पुलिस निरंकुशता का दुष्परिणाम हैं।
आज यहां जारी अंक बयान में दारापुरी ने कहा कि संविधान की शपथ लेकर मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ ने संविधानिक उसूलों का मखौल बना दिया है। 'ठोक दो- कुचल दो' की राजनीतिक संस्कृति में पुलिस का मनोबल गैरसंवैधानिक कार्य करने में बढ़ा हुआ है। प्रदेश में डंडे और गोली का लोकतंत्र चल रहा है। प्रदेश पुलिस हिरासत में मौतों के मामले में कई वर्षों से देश में प्रथम स्थान पर चल रहा है।
दारापुरी ने कहा कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021-21 में जहां देश भर में पुलिस हिरासत में 1940 मौतें हुई थीं वहीं अकेले उत्तर प्रदेश में 451 अर्थात 23 प्रतिशत मौतें हुई थीं और इस वर्ष में उत्तर प्रदेश का पूरे देश में प्रथम स्थान था। इसी प्रकार वर्ष 2021-22 में पूरे देश में पुलिस हिरासत में हुई 2544 मौतों में से 501 अर्थात लगभग 20 प्रतिशत मौतें अकेले उत्तर प्रदेश में हुई थीं तथा इसका पूरे देश में प्रथम स्थान था। हाल में प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ही चालू माह अक्तूबर में पुलिस हिरासत में दो मौतें हो चुकी हैं। पुलिस का यह व्यवहार कानून के राज के लिए खतरा है।
उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत में हुई मौतों (deaths in police custody) के संबंध में एक यह बात भी नोट करने वाली है
दारापुरी ने कहा कि पुलिस हिरासत में मौत के मामले में केवल संबंधित थाना के कर्मचारियों को ही नहीं बल्कि निगरानी करने वाले उच्च अधिकारियों को भी दंडित किया जाना चाहिए क्योंकि थाने पर गैर कानूनी ढंग से लाए/रखे गए व्यक्तियों को चेक करना तथा उनके साथ मारपीट करने को रोकना भी उनका प्रमुख कर्तव्य है। जब तक ऐसा नहीं किया जाएगा तब तक हिरासत में मौतों को रोकना संभव नहीं होगा।
आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट ने सरकार से मांग की है कि पुलिस हिरासत में मौतों के मामले में न केवल थाना के दोषी कर्मचारियों बल्कि उनकी निगरानी करने वाले उच्च अधिकारियों के विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाही की जाए, हिरासत में मृतक के परिवार जनों को समुचित मुआवजा दिया जाए तथा पोस्टमार्टम में मृत्यु का कारण ज्ञात न होने की स्थिति में एक बोर्ड द्वारा पुनः पोस्टमार्टम कराए जाने की व्यवस्था की जाए क्योंकि निर्दोष नागरिकों को सरकारी हिंसा से बचाना सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है।
Excessive Deaths in police Custody in Uttar Pradesh: Darapuri's Scathing Attack on Yogi Government's police tyranny