Hastakshep.com-स्वास्थ्य-एचएमपीवी वायरस के लक्षण और बचाव के उपाय-एचएमपीवी संक्रमण की रोकथाम के तरीके-भारत में एचएमपीवी वायरस के मामले और रिपोर्ट-श्वसन रोगों की निगरानी के लिए सरकारी कदम,इन्फ्लूएंजा और एचएमपीवी में अंतर क्या है?-मानव मेटान्यूमोवायरस के कारण और उपचार-श्वसन संक्रमण से बचाव के लिए घरेलू उपाय-सर्दियों में श्वसन रोगों से बचने के टिप्स-एचएमपीवी से जुड़ी जागरूकता अभियान की जानकारी,
आईएलआई और एसएआरआई के मामलों की निगरानी कैसे करें-एचएमपीवी वायरस: कौन से समूह ज्यादा प्रभावित होते हैं?-केंद्र सरकार द्वारा जारी एचएमपीवी एडवाइजरी-श्वसन संक्रमण और इसकी शुरुआती पहचान कैसे करें?-भारत में एचएमपीवी संक्रमण का प्रबंधन कैसे हो रहा है?-सरकारी अस्पतालों में एचएमपीवी का इलाज उपलब्ध है?,
भारत में श्वसन संक्रमण की मौजूदा स्थिति,
एचएमपीवी संक्रमण पर विशेषज्ञों की राय,

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एचएमपीवी संक्रमण की रोकथाम (Prevention of HMPV infection) के लिए राज्यों को निगरानी और जागरूकता बढ़ाने की सलाह दी है। इस समाचार में जानें एचएमपीवी के लक्षण, बचाव के उपाय और भारत में संक्रमण की स्थिति। 

नई दिल्ली, 08 जनवरी 2025. केंद्र सरकार ने मानव मेटान्यूमोवायरस (Human metapneumovirus एचएमपीवी) के संक्रमण को लेकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अलर्ट किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने श्वसन रोगों की निगरानी बढ़ाने और लोगों को संक्रमण से बचाव के उपायों के प्रति जागरूक करने की सिफारिश की है। भारत में हाल ही में एचएमपीवी के पांच मामले सामने आए हैं, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है। 

एचएमपीवी संक्रमण: स्वास्थ्य मंत्रालय की महत्वपूर्ण बैठक

स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक में क्या हुआ

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की। इस बैठक में आईसीएमआर, एनसीडीसी, और अन्य स्वास्थ्य संगठनों के विशेषज्ञों ने भाग लिया। बैठक में श्वसन संबंधी बीमारियों और एचएमपीवी के मामलों की स्थिति का जायजा लिया गया। 

एचएमपीवी क्या है

एचएमपीवी (Human Metapneumovirus) एक श्वसन वायरस है, जो सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है। यह मुख्य रूप से सर्दियों और शुरुआती वसंत के महीनों में सक्रिय रहता है। वायरस के संक्रमण के कारण इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) हो सकते हैं। 

स्वास्थ्य मंत्रालय की सिफारिशें 

1. साफ-सफाई और बचाव : 

   - साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोना। 

   - बिना धुले हाथों से चेहरे को न छूना। 

   - खांसते और छींकते समय मुंह और नाक को ढंकना। 

2. एचएमपीवी संक्रमण के लक्षण पहचान और उपचार

   - बीमारी के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क

करें। 

   - संक्रमित व्यक्ति के साथ निकट संपर्क से बचें। 

3. निगरानी और जागरूकता: 

   - आईएलआई और एसएआरआई मामलों की नियमित निगरानी करें। 

   - संक्रमण की रोकथाम के लिए समुदाय में जागरूकता अभियान चलाएं। 

भारत में एचएमपीवी की स्थिति 

देश में हालांकि इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों में असामान्य वृद्धि नहीं देखी गई है, लेकिन एचएमपीवी के मामलों को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। आईसीएमआर और एनसीडीसी ने आश्वस्त किया है कि वायरस के निदान और प्रबंधन के लिए पर्याप्त प्रयोगशालाएं और संसाधन उपलब्ध हैं। 

एचएमपीवी संक्रमण केलक्षण और उपचार 

एचएमपीवी संक्रमण आमतौर पर हल्का होता है और कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। इसके सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। गंभीर मामलों में अस्पताल में इलाज की जरूरत हो सकती है।  

Loading...