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अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस-बाघ संरक्षण-बाघों की संख्या-टाइगर डे-बाघों की सुरक्षा-प्रोजेक्ट टाइगर-बाघ संरक्षण के उपाय-बाघों की घटती संख्या-भारत का राष्ट्रीय पशु-टाइगर रिजर्व

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाया जाता है। जानें अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस की शुरुआत कब हुई, इसके उद्देश्य क्या हैं और बाघों के संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में...

नई दिल्ली, 29 जुलाई 2024: बाघों के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक (Awareness about tiger conservation) करने के लिए हर साल 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day in Hindi)मनाया जाता है।

कुल्हाड़ी बंद पंचायत का पीएम मोदी ने किया ज़िक्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी 'मन की बात' के 112वें एपिसोड में कहा, "दुनिया भर में टाइगर डे मनाया जाएगा। भारत में तो बाघ हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। हम सब बाघों से जुड़े किस्से–कहानियां सुनते हुए ही बड़े हुए हैं। जंगल के आसपास के गांव में तो हर किसी को पता होता है कि बाघ के साथ तालमेल बिठाकर कैसे रहना है। हमारे देश में ऐसे कई गांव हैं, जहां इंसान और बाघों के बीच कभी टकराव की स्थिति नहीं आती। लेकिन जहां ऐसी स्थिति आती है, वहां भी बाघों के संरक्षण के लिए अभूतपूर्व प्रयास हो रहे हैं।"

उन्होंने बताया कि राजस्थान के रणथंभोर से शुरू हुआ "कुल्हाड़ी बंद पंचायत" अभियान काफी कारगर रहा है। स्थानीय लोगों ने शपथ ली है कि वे कुल्हाड़ी के साथ जंगल नहीं जाएंगे, कोई पेड़ नहीं काटेंगे। इससे बाघों के लिए वातावरण तैयार हो रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस की कब शुरुआत हुई ?

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस की शुरुआत साल 2010 में हुई थी। रूस में एक टाइगर समिट में बाघ रेंज के देशों ने बाघ संरक्षण पर चर्चा की थी। उसी सम्मेलन में हर साल 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने का फैसला किया गया था।

जानिए भारत के राष्ट्रीय पशु के बारे में

बाघ न सिर्फ भारत का राष्ट्रीय

पशु है बल्कि, दुनिया के करीब 70 प्रतिशत बाघ हमारे देश में हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का उद्देश्य लगातार घट रही बाघों की संख्या के लिए आवश्यक कदम उठाना है। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से बाघों के प्रति जागरुकता फैलाने का प्रयास किया जाता है। विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठन बाघ संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा देते हैं।

बाघों की संख्या क्यों घट रही है ?

बाघों की घटती संख्या के कारणों की बात करें तो उनकी खाल, हड्डियों और अन्य अंगों की मांग की वजह से उनका अवैध शिकार किया जाता है। जंगल भी लगातार कम हो रहे हैं, यही वजह है कि बाघ पास की बस्तियों और इलाकों पर हमले करते हैं। अनुकूल वातावरण न होने के कारण इसका असर बाघों के जीवन पर पड़ रहा है।

प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआतकब हुई ?

भारत सरकार ने 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत (Launch of Project Tiger) की थी, जिसका उद्देश्य देश में बाघों की संख्या को बढ़ावा देना और उनके आवासों की सुरक्षा करना है। इस परियोजना के तहत कई टाइगर रिजर्व भी स्थापित किए गए हैं। साथ ही बाघ संरक्षण के लिए विशेष नीतियां भी बनाई गई हैं। भारत में अभी कुल 54 टाइगर रिजर्व हैं।

International Tiger Day: Know when it started and what is its purpose?

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