लेबनान में स्वास्थ्यकर्मियों और चिकित्सा केंद्रों पर बढ़ते हमलों ने गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन हमलों को लेकर गहरी चिंता जताई है। सितंबर 2024 से अब तक 55 हमले दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें 102 लोगों की मौत हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र समाचार की इस ख़बर से जानिए कि किस तरह इस संकटपूर्ण स्थिति में चिकित्सा सेवाओं पर गहरा असर पड़ा है, जिससे हालात और भी बिगड़ रहे हैं।
लेबनान: स्वास्थ्यकर्मियों व चिकित्सा केन्द्रों पर बढ़ते हमले, WHO ने जताई चिन्ता
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी जारी की है कि लेबनान में स्वास्थ्यकर्मियों और चिकित्सा केन्द्रों पर हमलों की संख्या बढ़ती जा रही है. संगठन ने चिन्ता जताई है कि एक ऐसे समय में चिकित्साकर्मी हताहत हो रहे हैं, जब उनकी सबसे अधिक ज़रूरत है.
यूएन एजेंसी की प्रवक्ता डॉक्टर मार्गरेट हैरिस ने शुक्रवार को जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि 17 सितम्बर 2024 से अब तक लेबनान में स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था पर 55 हमलों की पुष्टि की जा चुकी है.
इनमें 102 लोगों की मौत हुई है और 83 से अधिक घायल हुए हैं. “मगर, [लेबनानी] स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इनकी संख्या कहीं अधिक है.”
डॉक्टर हैरिस ने बताया कि अनेक स्वास्थ्यकर्मियों इन हमलों में जब हताहत हुए तब वे काम पर नहीं थे.
WHO ने
डॉक्टर हैरिस ने दोहराया कि स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था को निशाना बनाए जाने से बचना होगा, मगर इन रुझानों को देखकर उन्हें चिन्ता है.
पिछले वर्ष अक्टूबर में ग़ाज़ा युद्ध शुरू होने के बाद हिज़बुल्ला ने उत्तरी इसराइल पर रॉकेट हमले शुरू किए थे, जिसके जवाब में इसराइल ने हवाई हमले किए.
अब तक इसराइली हमलों में 2,800 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 13 हज़ार घायल हुए हैं, जिनमें से अधिकाँश लोग सितम्बर 2024 के बाद हताहत हुए हैं.
विस्थापन, अभाव का दंश
दक्षिणी और पूर्वी लेबनान में आम नागरिक इसराइल व हिज़बुल्लाह में जारी लड़ाई के बीच अब भी हवाई हमलों, सामूहिक जबरन विस्थापन और अभाव से जूझ रहे हैं.
एक अनुमान के अनुसार, 50 हज़ार से अधिक लोगों ने बालबेक शहर को छोड़ दिया है और बड़ी संख्या में लोग अपने वाहनों में रात गुज़ार रहे हैं.
यूएन मानवतावादी कार्यालय के प्रवक्ता येन्स लार्क ने बताया कि इसराइल द्वारा निरन्तर विस्थापन आदेश जारी किए जाने और हवाई हमले होने से विस्थापितों की संख्या आठ लाख 42 हज़ार के पार पहुँच गई है.
वहीं, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के अनुसार, चार लाख 60 हज़ार लोगों ने सीरिया में प्रवेश किया है, जिनमें से 70 फ़ीसदी सीरियाई नागरिक व अन्य लेबनानी या अन्य देशों से हैं. 25 हज़ार से अधिक लेबनानी नागरिकों ने इराक़ में शरण ली है.
7 अक्टूबर 2023 को ग़ाज़ा पट्टी में युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 13 लाख लोग विस्थापन का शिकार हुए हैं.
विशाल मानवीय सहायता आवश्यकताओं के मद्देनज़र, यूएन एजेंसियाँ अपने साझेदार संगठनों के साथ मिलकर ज़रूरतमन्दों को भोजन, स्वच्छ जल, दवाएँ, बिस्तर समेत अन्य सामग्री मुहैया करा रही हैं.
Web Title : Lebanon: Increasing attacks on health workers and medical centres, WHO expressed concern