लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi, Leader of Opposition in Lok Sabha) ने बीती 2 अगस्त को मध्य रात्रि 1 बजकर 52 मिनट पर एक ट्वीट किया था। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा था कि टू-इन-1 को संसद में मेरा चक्रव्यूह भाषण पसंद नहीं आया। ED के अंदरूनी सूत्रों ने मुझे बताया कि मेरे खिलाफ रेड की योजना बनाई जा रही है। मैं ED अधिकारियों का बांहें फैलाकर इंतजार कर रहा हूं। चाय और बिस्किट मेरी तरफ से।
Apparently, 2 in 1 didn’t like my Chakravyuh speech. ED ‘insiders’ tell me a raid is being planned.
Waiting with open arms @dir_ed…..Chai and biscuits on me.
राहुल गांधी के इस ट्वीट के बाद से ही देश का सियासी पारा गरमाया हुआ है। बीजेपी बेहद दबाव में दिखाई दे रही है, तो कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के तेवर बेहद तीखे हो गए हैं।
राहुल गांधी नेता विपक्ष हैं और पूरा विपक्ष राहुल गांधी के साथ खड़ा हुआ है। इस बीच कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ईडी की संभावित कार्रवाई को लेकर मोदी सरकार के लिए बड़ी बात कही है। और आज हम अपनी स्पेशल रिपोर्ट में इसी मुद्दे पर करेंगे बात। डीबी लाइव के लिए अविनाश चतुर्वेदी के साथ मानसी की रिपोर्ट
नई दिल्ली, (DB Live): राहुल गांधी के एक बयान ने देश की सियासत को गरमा दिया है। राहुल के दावे पर अब कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी (Congress leader Abhishek Manu Singhvi) ने मोदी सरकार को लेकर बड़ी बात कही है। सिंघवी ने एक्स पर
If ED even thinks of arresting RaGa, the nation shall strike the final nail in BJP's coffin! Don't ever think of this. Never ever..
सिंघवी के बयान से साफ है कि अगर मोदी सरकार के इशारे पर ईडी ने राहुल गांधी को गिरफ्तार किया। तो फिर ये फैसला मोदी सरकार का आखिरी फैसला हो सकता है, क्योंकि फिर देश की जनता मोदी सरकार का ही फैसला कर देगी।
सिंघवी ने भले ही अपने ट्वीट में किसी बड़ी बगावत की बात नहीं कही हो, लेकिन ताबूत में आखिरी कील ठोक देने की बात कहते हुए ये साफ कर दिया है कि ऐसा हुआ तो बहुत बड़ा आंदोलन हो सकता है। वैसे भी जब भी किसी लोकप्रिय नेता को बिना किसी कारण के गिरफ्तार किया जाता है। या उसके खिलाफ बदले की कार्रवाई की जाती है तो इस तरह का दांव हमेशा उलटा ही पड़ता है।
1977 में जनता पार्टी की सरकार आई थी, तो उस समय दावा किया गया था कि अब कांग्रेस की वापसी बेहद मुश्किल है। लेकिन जनता पार्टी की सरकार ने इंदिरा गांधी को गिरफ्तार करने की गलती कर दी थी। इसका नुकसान जनता पार्टी को ही हुआ था, क्योंकि 1980 के चुनाव में कांग्रेस दो तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में आ गई, तो जनता पार्टी के ताबूत में जनता ने ही कील ठोक दी, क्योंकि ये पार्टी इसके बाद इतिहास ही बन गई। सत्ता ही नहीं गई बल्कि पार्टी ही खत्म हो गई। और अब अगर ऐसी ही गलती नरेंद्र मोदी की सरकार ने की, तो साफ है कि बीजपेी का भविष्य भी जनता पार्टी की तरह ही होने वाला है।
दूसरी बात ये कि ईडी राहुल गांधी को गिरफ्तार तो कर सकती है, लेकिन उन्हें ज्यादा समय तक रोक नहीं पाएगी, क्योंकि जिस नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी को गिरफ्तार करने की बातें ईडी सूत्रों की तरफ से कही जा रही हैं, उसमें कोई भी सबूत आठ साल बाद भी ईडी के हाथ नहीं आया है। दूसरा ईडी ने जब भी इस मामले में राहुल गांधी को समन भेजा है, राहुल गांधी ईडी के सामने उपस्थित हुए हैं। 50 घंटे की पूछताछ ईडी राहुल गांधी से कर चुकी हैं। 100 से ज्यादा सवाल किए गए हैं। और राहुल ने सभी सवालों का जवाब दिया है। और सुप्रीम कोर्ट ही हाल ही में अपने एक फैसले के दौरान टिप्पणी कर चुका है कि सिर्फ इसलिए ईडी किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकती है कि आरोपी उसके सवालों का जो जवाब दे रहा है... उससे ईडी संतुष्ट नहीं है, ठोस सबूत होना जरूरी है।
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने बीजेपी सरकार की ओर से राजनीतिक उत्पीड़न के लिए ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग किए जाने पर चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। लेकिन अभी तक इस नोटिस को स्वीकार नहीं किया गया है। वैसे संकेत तो इसी बात के हैं कि सरकार इसे स्वीकार करेगी भी नहीं।
इस मामले को लेकर पूरे विपक्षी दल एक सुर में केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया कि राहुल गांधी ने संसद के अंदर सरकार को बेनकाब किया इसी मंशा से उनके खिलाफ ईडी और सीबीआई लगाई जा सकती है।
शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने तो यहां तक कह दिया कि राहुल गांधी जो कह रहे हैं वो सच है, और सिर्फ राहुल को ही गिरफ्तार करने की तैयारी नहीं हो रही है, बल्कि विपक्ष के उन सभी नेताओं को गिरफ्तार करने की तैयारी चल रही है, जो मोदी सरकार से सवाल पूछते हैं... उनकी गलत नीतियों का विरोध करते हैं।
दरअसल इस समय बीजेपी बेहद मुश्किल में दिखाई दे रही है। राहुल गांधी ने जो सवाल उठाए हैं, उसका जवाब बीजेपी के पास नहीं है। या ये कहें कि मोदी सरकार ने जो नीतियां बनाई हैं, उन नीतियों पर ही राहुल गांधी ने सवाल उठा दिए हैं। और बीजेपी के नेता राहुल गांधी को जवाब देने की कोशिश करते हैं, तो इसमें भी वो विपक्ष को बड़ा मुद्दा थमा देते हैं। राहुल गांधी ने बजट पर अपने भाषण में चक्रव्यूह का जिक्र किया, जिसका जवाब देने की कोशिश बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने की, लेकिन जवाब देने की कोशिश करते-करते वो राहुल गांधी के खिलाफ ऐसी टिप्पणी कर गए... कि विपक्ष ने पीएम मोदी से ही माफी की मांग कर दी। उन्होंने बेहद आपत्तिजनक बयान देते हुए कहा कि जिसकी जाति का पता नहीं वो गणना की मांग करता है।
अनुराग ठाकुर का बयान (Anurag Thakur's statement) बता रहा है कि बीजेपी राहुल गांधी के सामने कितने गहरे दबाव में हैं। और जब मोदी सरकार को कुछ भी समझ में नहीं आया तो फिर ईडी को हरी झंडी दे दी.. राहुल गांधी ने ही कहा है कि ईडी उन्हें गिरफ्तार करेगी इसकी खबर उन्हें ईडी के सोर्सों से ही मिली हैं। और अब ये भी साफ हो गया है कि अगर ईडी ने राहुल को गिरफ्तार किया तो ये मोदी सरकार की उलटी गिनती की शुरूआत माना जाएगा। वैसे कहा जा रहा है कि बीजेपी हाईकमान को भी उनके शुभचिंतकों की तरफ से इस तरह का कोई कदम नहीं उठाने के लिए कहा गया है, क्योंकि आज राहुल गांधी की छवि जनता में जननायक की है, और मोदी सरकार का एक गलत कदम, उसकी बहुत बड़ी गलती साबित होगा, जिसकी सजा जनता देने में देर नहीं करेगी।
दरअसल इस समय बीजेपी दोहरे दबाव में हैं। एक तरफ राहुल गांधी ने संसद में मोदी सरकार की मजबूत घेराबंदी कर रखी है, तो सड़क पर भी वो ही दिखाई दे रहे हैं और हर जगह राहुल गांधी सिर्फ दिखाई ही नहीं दे रहे हैं, बल्कि वो मोदी सरकार पर बहुत भारी पड़ते दिख रहे हैं। जहां सरकार को पहुंचना चाहिए वो राहुल गांधी पहुंचते दिख रहे हैं। नरेंद्र मोदी तो कहीं नहीं दिख रहे हैं- ना संसद में और ना ही सड़क पर आम लोगों के बीच में। साफ है राहुल गांधी से मोदी सरकार घबराई दिखाई दे रही हैं। राहुल तो पहले से ही ये दावा करते रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में इतनी ताकत नहीं हैं कि वो उनकी आंखों में आंखें डालकर बात कर सकें। लोकसभा में तो राहुल ने यहां तक कह दिया कि मैं ये दावे के साथ कह रहा हूं कि जब भी मैं लोकसभा में भाषण दूंगा नरेंद्र मोदी लोकसभा में नहीं आएंगे।
साफ है राहुल गांधी की तरफ से सरकार पर जो दबाव बनाया जा रहा है, उस दबाव से निकलने के लिए ही ईडी के जरिए उन्हें गिरफ्तार कराने की साजिश रची जा सकती है और शायद ऐसा हो भी रहा हो, लेकिन इसकी खबर इस बार लीक हो गई और राहुल गांधी ने ही साफ कर दिया कि वो ईडी का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में अब अभिषेक मनु सिंघवी का दावा कि अगर ईडी ने राहुल गांधी पर कार्रवाई की, तो ये मोदी सरकार पर बेहद भारी पड़ेगी। ये मोदी सरकार के अंत की शुरूआत नहीं होगी, बल्कि अंत का ऐलान होगा।
सिंघवी के बयान से साफ है कि ये सरकार के लिए चेतावनी नहीं है बल्कि वो सच्चाई है, जिसे सरकार अगर समझ जाती है तो ये उसके लिए ही बेहद अच्छा होगा। नहीं तो बाद में बीजेपी को ही इसका पछतावा होगा।
People will put the last nail in the coffin of Modi government, Congress makes a big claim