Hastakshep.com-जलवायु परिवर्तन-2024 में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी और बढ़ता तापमान-UN रिपोर्ट में जलवायु संकट का कड़वा सच-2024 में रिकॉर्ड तापमान वृद्धि का असर,
UN जलवायु रिपोर्ट 2024 में बढ़ती गर्मी,
WMO की रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन के खतरनाक रुझान,
2024 में वैश्विक तापमान वृद्धि और उसका प्रभाव,
तापमान वृद्धि रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयास,
बढ़ती गर्मी और जलवायु संकट से बचाव के उपाय,
2024 में मौसम परिवर्तन के कारण बढ़ती आपदाएँ,
जलवायु परिवर्तन पर UN की चेतावनी और समाधान,
मानवता और पर्यावरण पर तापमान वृद्धि का प्रभाव,
बढ़ते तापमान के चलते जलवायु सेवाओं की जरूरत,
2024 में ग्लोबल वार्मिंग के रिकॉर्ड तोड़ स्तर,
UN के जलवायु सम्मेलन में वैश्विक तापमान चिंता,

2024 में रिकॉर्ड गर्मी: जलवायु संकट का गंभीर संकेत

  • UN रिपोर्ट में तापमान वृद्धि के खतरनाक रुझान
  • WMO की रिपोर्ट: जलवायु सेवाओं में निवेश की आवश्यकता
  • यूएन महासचिव गुटेरेस का आह्वान : तापमान वृद्धि रोकने के लिए ठोस कार्रवाई जरूरी
  • जलवायु परिवर्तन और मौसम संबंधी आपदाओं के बढ़ते जोखिम

विश्व मौसम विज्ञान एजेंसी (WMO) की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में तापमान वृद्धि ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, और इस साल के अंत तक दुनिया में सबसे अधिक गर्मी देखी जा सकती है। बाकू में UN जलवायु सम्मेलन (कॉप29) से पहले इस रिपोर्ट का खुलासा हुआ, जिसमें जलवायु संकट की गंभीरता और इसके रोकथाम के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों पर जोर दिया गया है। महासचिव गुटेरेस ने चेतावनी दी है कि अगर त्वरित कदम नहीं उठाए गए तो मानवता को भारी कीमत चुकानी होगी। पढ़े संयुक्त राष्ट्र समाचार की ख़बर...

2024 में, रिकॉर्ड तोड़ गर्मी व तापमान वृद्धि का रुझान बरक़रार

दुनिया ने इस वर्ष अभूतपूर्व गर्मी का सामना किया है और 2024, पिछले वर्ष के रिकॉर्ड को ध्वस्त करके अब तक का सर्वाधिक गर्म साल साबित हो सकता है. विश्व मौसम विज्ञान एजेंसी (WMO) ने अज़रबैजान की राजधानी बाकू में यूएन के वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप29) से ठीक पहले अपने एक अध्ययन में यह निष्कर्ष साझा किया है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चिन्ता जताते हुए कहा है कि मानवता, पृथ्वी को आग के हवाले कर रही है और उसकी क़ीमत चुका रही है.

यूएन मौसम विज्ञान एजेंसी ने अपने विश्लेषण के लिए जनवरी-सितम्बर 2024 की अवधि में छह अन्तरराष्ट्रीय डेटासेट का अध्ययन किया और बढ़ते तापमानों के रुझानों को उजागर किया है.

style="text-align: justify;">रिपोर्ट में सेशेल्स, मॉरिशस, लाओस और आयरलैंड समेत अन्य देशों में कारगर जलवायु सेवाओं के विकास पर जानकारी साझा की गई है, मगर तथ्य स्पष्टता से दर्शाते हैं कि जलवायु संकट तेज़ी से गहरा रहा है.

पिछले वर्ष अक्टूबर महीने के बाद 2024 का अक्टूबर महीना तापमान के मामले में दूसरे स्थान पर है. यूएन विशेषज्ञों के अनुसार, तापमान वृद्धि का इस रुझान के समानान्तर उनके कारण होने वाली आपदाएँ भी नज़र आ रही हैं.

2020 और मध्य-2024 के दौरान, ताप सम्बन्धी जोखिम सबसे ख़तरनाक मौसमी ख़तरे के रूप में उभर रहे हैं और मौसम, जलवायु व जल-सम्बन्धी कारणों से होने वाली मौतों के 57 प्रतिशत के लिए ज़िम्मेदार हैं.

जलवायु सेवाओं में निवेश

WMO की महासचिव सेलेस्ते साउलो ने कहा कि अभूतपूर्व पर्यावरणी बदलावों के मद्देनज़र, जलवायु सूचना को विकिसित करना, उसे पहुँचाना और फिर इस्तेमाल में लाना, जलवायु कार्रवाई के नज़रिये से कभी इतना महत्वपूर्ण नहीं रहा.

The State of Climate Services’ नामक इस रिपोर्ट में अहम जलवायु सूचना को सही स्थान तक पहुँचाने में हुई प्रगति और मौजूदा चुनौतियों का वर्णन किया गया है.

विश्व भर में अब एक तिहाई राष्ट्रीय मौसम विज्ञान व जल विज्ञान सेवाओं के ज़रिये अति-आवश्यक जलवायु सेवाओं को प्रदान किया जा रहा है, मगर अब भी एक बड़ी खाई बरक़रार है.

जलवायु अनुकूलन के लिए आवंटित किए गए 63 अरब डॉलर में से केवल चार से पाँच अरब डॉलर ही जलवायु सेवाओं और समय पूर्व चेतावनी प्रणालियों को समर्थन देने के लिए ख़र्च किए जाते हैं.

महासचिव साउलो ने कहा कि एक टिकाऊ भविष्य में आवश्यक निवेश किए जाने होंगे. कोई भी क़दम ना उठाने की क़ीमत, कार्रवाई की क़ीमत से कई गुना अधिक होगी.

महत्वाकाँक्षी लक्ष्य

इस बीच, बाकू में यूएन के वार्षिक जलवायु सम्मेलन से ठीक पहले विश्व नेताओं से अनेक मोर्चों पर महत्वाकाँक्षी जलवायु कार्रवाई की पुकार लगाई गई है.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने कहा कि बाकू में नेताओं को महत्वाकाँक्षी योजनाओं के साथ आना होगा जिनमें मौजूदा संकट के स्तर व तात्कालिकता को ध्यान में रखा जाए.

इस क्रम में, उन्होंने नई राष्ट्रीय जलवायु कार्रवाई योजनाओं का भी आग्रह किया है, जिनमें तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के उपाय पेश किए गए हों.

Web Title: Record-breaking heat and rising temperatures in 2024: The bitter truth of climate crisis in UN report

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