लखनऊ, 8 जुलाई 2824. जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर महेंद्र प्रताप राना ने कहा है कि फिलिस्तीन के साथ खड़ा होना मानवता को बचाने के लिए ज़रूरी है. भारत शुरू से ही फिलिस्तीन की आज़ादी का समर्थक रहा है और आगे भी उसे फिलिस्तीन के साथ खड़ा होना चाहिए। वह प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में 'इजराइल-फिलिस्तीन विवाद और भारत की भूमिका' पर आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्ता के तौर पर अपने विचार रख रहे थे।
प्रोफेसर राना ने कहा कि इजराइल और फिलिस्तीन के विवाद और संघर्ष को धार्मिक नज़रिए से नहीं देखा जाना चाहिए। यह विशुद्ध तौर पर फिलिस्तीन पर इजराइल के क़ब्ज़े का मामला है, इसीलिए गाँधी जी के समय से ही भारत इजराइली कब्जे का विरोध करता रहा है।
उन्होंने कहा कि जो देश खुद विदेशी उपनिवेश के खिलाफ़ डेढ़ सौ साल तक संघर्ष करके आज़ाद हुआ हो वो किसी दूसरे देश पर विदेशी क़ब्ज़े का समर्थक कैसे हो सकता है।
प्रोफेसर राना ने कहा कि इसीलिए फिलिस्तीनी नेता यासिर आरफ़ात का भारतीय नेताओं से बहुत गहरा और वैचारिक सम्बन्ध रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा सरकार पर इजराइल को हथियार भेजने के लग रहे आरोप गंभीर हैं और इससे भारत की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंचेगा।
प्रोफेसर राणा ने कहा कि भारत अपनी आज़ादी की तरह ही दूसरे देशों की आज़ादी का पक्षधर रहा है, इसीलिए आज़ादी से पहले से ही वह फिलस्तीनी अवाम के समर्थन में खडा रहा है और फिलस्तीनी अथॉरिटी को मान्यता देने वाला भारत पहला देश था।
ऐतिहासिक तथ्यों और भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन के आदर्शों को सामने रखते हुए अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने बताया कि भारत ने हर जगह साम्राज्यवाद का विरोध किया और हर देश के स्वतंत्रता आंदोलनों का खुल
वरिष्ठ पत्रकार उबैदउल्लाह नासिर ने भी इजराइल फिलस्तीन विवाद के इतिहास और गाजा में जारी नरसंहार पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए कहा की 50 हज़ार फिलस्तीनी बच्चों, बूढों, औरतों और नवजवानों को मौत के घाट उतारा जा चुका है। सारी दुनिया में इजराइल के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। खुद अमरीका में भी इजराइल का विरोध हो रहा है, मगर अमरीकी सरकार अपनी साम्राज्यवादी नीति पर कायम है और इजराइल को मानवता के खिलाफ क्रूर अत्याचार की खुली छूट दिए हुए हैं। उन्होंने भारत सरकार की फिलस्तीनी नीति की भी आलोचना की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष दिनेश सिंह ने की। इस दौरान अल्पसंख्यक कांग्रेस के राष्ट्रीय समन्वयक मोहम्मद शमीम खान, पूर्व मंत्री मसूद अहमद, शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शहजाद आलम, डॉ रईस, अमित राय, अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष शाहनवाज़ खान, अख्तर मलिक, उमैर अहमद, प्रोफेसर आरबी बौद्ध, रॉबिन वर्मा, शमशेर अली, मसूद अहमद, अनीस अख्तर मोदी, नदीमुद्दीन, सय्यद रेहान आदि मौजूद रहे।
Standing with Palestine is standing in favour of humanity- Professor Mahendra Rana
Seminar on Israel-Palestine dispute held at UP Pradesh Congress office