Hastakshep.com-समाचार-लेबनान में यूएन शान्तिरक्षकों पर इसराइली हमला,

यूएन प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस का इसराइली हमलों पर कड़ा बयान

  • लेबनान में बढ़ती हिंसा और शान्ति की अपील
  • यूएन शान्तिरक्षकों पर हमला: अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन
  • बेरूत में इसराइली हवाई हमलों से बढ़ती तबाही
  • संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठन की शान्ति की अपील
  • UN chief Antonio Guterres' strong statement on Israeli attacks

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने लेबनान में तैनात यूएन शान्तिरक्षकों पर इसराइली हमलों की निन्दा की और शान्ति की अपील की। बढ़ती हिंसा और आम नागरिकों की मौतों को लेकर चिंता जताते हुए उन्होंने युद्ध को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया।  पढ़ें संयुक्त राष्ट्र समाचार की खबर

लेबनान में यूएन शान्तिरक्षकों पर इसराइली हमलों की निन्दा, शान्ति की अपील भी

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने, लेबनान में तैनात यूएन शान्तिरक्षों पर, इसराइली हमलों की निन्दा की है. लेबनान की राजधानी बेरूत और देश के दक्षिणी इलाक़ों में इसराइल की सघन होती बमबारी के बीच, तैनात संयुक्त राष्ट्र के शान्तिरक्षकों पर शुक्रवार को दूसरे दिन भी गोलीबारी की गई है. इस बीच इसराइल को निशाना बनाकर, हिज़बुल्लाह के रॉकेट हमले भी जारी हैं.

यूएन प्रमुख एंटोनियो गुटेरश ने लाओ लोकतांत्रिक गणराज्य की राजधानी वीन्टीयान में दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन - ASEAN सम्मेलन में प्रैस वार्ता में, "इस तथ्य की निन्दा की कि संयुक्त राष्ट्र के ठिकानों पर गोलीबारी की गई, जिसमें दो शान्तिरक्षक घायल हो गए, यह अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का उल्लंघन है."

यूएन प्रमुख ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के शान्तिरक्षकों को, युद्ध में सभी पक्षों द्वारा सुरक्षा मुहैया करानी होगी, और जो कुछ हुआ है, वो स्वभाविक रूप में निन्दनीय है.

उन्होंने लेबनान में बढ़ती हिंसा और टकराव पर भी गम्भीर चिन्ता

व्यक्त की.

एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि लेबनान में हम जो कुछ देख रहे हैं वो एक बहुत बड़ा (इसराइली) अभियान है जिसमें हवाई हमले, भीषण बमबारी, और उसमें हिज़बुल्लाह की तरफ़ से की जा रही बमबारी भी शामिल है. इस सब में बड़ी संख्या में आम लोग मारे जा रहे हैं.

ख़बरों के अनुसार, लेबनान में 2000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और दस लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.

एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, "हम लेबनान में एक विशालकाय त्रासदी देख रहे हैं, और हमें लेबनान में एक पूर्ण युद्ध को रोकने के लिए कोई क़सर बाक़ी नहीं छोड़नी चाहिए."

शान्ति की अपील

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने कहा है कि लेबनान, ग़ाज़ा, इसराइल और सीरिया में आम लोगों के लिए हर दिन बदतर होते जा रहे हैं. उन्होंने सत्ता में बैठी हस्तियों से, मौतों, विध्वंस और आक्रामक गतिविधियों को बन्द किए जाने की अपील की है.

लेबनान में संयुक्त राष्ट्र के अन्तरिम बल मिशन (UNIFIL) ने शुक्रवार को बताया है कि उनके निगरानी टॉवर के निकट हुए दो विस्फोटों में दो शान्तिरक्षक घायल हुए हैं.

इससे पहले गुरूवार को भी दो यूएन शान्तिरक्षक उस समय घायल हो गए थे जब इसराइली बलों के एक टैंक ने, नक़ौरा में स्थित UNIFIL के मुख्यालय पर एक निगरानी टॉवर की तरफ़ गोलाबारी की थी.

ये हमला सीधे निगरानी टॉवर पर किया गया जिसमें दो शान्तिरक्षक गिर गए.

वोल्कर टर्क ने कहा है, “इन घटनाओं ने यूएन शान्तिरक्षकों के लिए एक बार फिर गम्भीर जोखिम उत्पन्न कर दिया है जो सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 (2006) के तहत उसके अनुरोध पर लेबनान में सेवाओं के लिए तैनात हैं.”

बेरूत बना निशाना

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय OHCHR की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने जिनीवा में बताया कि घनी आबादी वाले शहर बेरूत किस तरह, इसराइली हमलों के हवाई हमले बढ़ते जा रहे हैं, जहाँ, लेबनानी अधिकारियों के अनुसार, पिछले एक वर्ष के दौरान 2,100 लोग मारे गए हैं.

यूएन मानवाधिकार प्रवक्ता ने बताया कि इस बीच हिज़बुल्लाह व अन्य सशस्त्र गुटों ने भी इसराइल में रॉकेट दागना जारी रखा है, जिसके परिणामस्वरूप, इसराइल के उत्तरी इलाक़े में एक व्यक्ति की मौत हुई है जोकि पिछले महीने इसराइल लेबनान के बीच युद्धक गतिविधियाँ तेज़ होने के बाद, इसराइली क्षेत्र में पहली मृत्यु है.

लेबनान के अधिकारियों के अनुसार, इसराइल के सघन होते हवाई हमलों में, स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों और आपातकर्मियों को भी नहीं बख़्शा गया है. इन इसराइली हमलों के परिणामस्वरूप 5 अक्टूबर तक, 96 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को बन्द करना पड़ा है.

यूएन मानवाधिकार प्रवक्ता रवीनी शमदासानी ने कहा, “हमें ऐसे अनेक हवाई हमलों की ख़बरें मिल हैं जिनमें चिकित्सा केन्द्रों व स्वास्थ्य आपात कर्मियों के साथ-साथ दमकल कर्मियों को भी निशाना बनाया गया जिनमें उनकी मौतें भी हुई हैं.”

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया है कि 30 सितम्बर से, ऐसे 9 पुष्ट इसराइली हमलों में, 49 स्वास्थ्यकर्मियों की मौत हुई हैं.

यूएन मानवाधिकार प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने गुरूवार को इसराइली बलों द्वारा UNIFIL की निगरानी चौकी पर हमले किए जाने का सम्बन्ध में कहा कि अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत ये सुनिश्चित करना देशों की ज़िम्मेदारी है कि संयुक्त राष्ट्र से सम्बद्ध इस तरह के ठिकानों पर हमले नहीं किए जाएँ और उन्हें संरक्षण मुहैया कराया जाए.

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