नई दिल्ली, 28 जुलाई – आज विश्व हेपेटाइटिस डे (World Hepatitis Day in Hindi) है, जो हर साल 28 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिन नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक डॉ. बारूक ब्लमबर्ग की जयंती पर मनाया जाता है, जिन्होंने हेपेटाइटिस वायरस की खोज की थी। डॉ. ब्लमबर्ग ने इस गंभीर वायरस के इलाज के लिए आवश्यक मेडिकल टेस्टों की जानकारी भी साझा की, जिससे विश्वभर में इसके प्रति जागरूकता फैली।
हेपेटाइटिस एक वायरल संक्रमण है, जिसकी वजह से जिगर (लीवर) में सूजन हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हेपेटाइटिस के पांच प्रकार होते हैं: ए, बी, सी, डी और ई। इनमें सबसे अधिक संक्रमण हेपेटाइटिस बी और सी से होता है। WHO के आंकड़ों के अनुसार, हर 30 सेकंड में हेपेटाइटिस के कारण एक व्यक्ति की मृत्यु होती है।
भारत में हेपेटाइटिस बी और सी के मामले बहुत अधिक हैं। WHO के अनुसार, भारत में लगभग 4 करोड़ लोग क्रोनिक हेपेटाइटिस बी से और 60 लाख से 1 करोड़ 20 लाख लोग क्रोनिक हेपेटाइटिस सी से प्रभावित हैं। ये आंकड़े भारत में हेपेटाइटिस की गंभीरता को दर्शाते हैं।
वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे 2024 की थीम:
इस साल की थीम "इट्स टाइम फॉर एक्शन" (It's Time for Action) है। इसका मतलब है कि अब समय आ गया है कि हम हेपेटाइटिस के खिलाफ सक्रिय रूप से लड़ें और इससे बचाव के उपायों को अपनाएं।
हेपेटाइटिस से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
हेपेटाइटिस क्यों फैलता है? Why does hepatitis spread?
हेपेटाइटिस के फैलने के मुख्य कारणों में कमजोर इम्यूनिटी, खानपान में लापरवाही, और नशीले पदार्थों का अत्यधिक सेवन शामिल है। हेपेटाइटिस बी वायरस जन्म के समय माँ से बच्चे में फैल सकता है, जबकि हेपेटाइटिस सी संक्रमित साथी के साथ सेक्स या असुरक्षित इंजेक्शन के जरिए फैलता है।
हेपेटाइटिस के सामान्य लक्षणों में बुखार, कमजोरी, भूख की कमी, दस्त, उलटी, पेट दर्द, गहरे रंग का पेशाब, और पीलिया शामिल हैं। निदान के लिए ब्लड टेस्ट कराना आवश्यक है। हेपेटाइटिस ए और बी के लिए वैक्सीनेशन उपलब्ध है, और क्रोनिक हेपेटाइटिस बी और सी को एंटीवायरल दवाओं से नियंत्रित किया जा सकता है।
निष्कर्ष:
विश्व हेपेटाइटिस डे 2024 हमें हेपेटाइटिस के बारे में जागरूक करता है और इसके खिलाफ सक्रिय कार्रवाई की आवश्यकता को दर्शाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को इस गंभीर बीमारी के खिलाफ जागरूक करना और इसे नियंत्रित करने के उपायों को अपनाना है।