16 फरवरी को चीन में दो अहम बातें हुईं। पहला, विश्व स्वास्थ्य संगठन का संयुक्त विशेषज्ञ दल पेइचिंग पहुंचा। यह दल चीन के संबंधित विभागों और विशेषज्ञों के साथ भेंटवार्ता करेगा और नये कोरोना वायरस की रोकथाम (Corona virus prevention) के लिए समान प्रयास करेंगे। दूसरा, 41 समूहों के कंटेनरों से लदा चीन-यूरोप कार्गो रेल एक्सप्रेस मध्य चीन के चंगचो शहर से मध्य एशिया के लिए रवाना हुआ।
इन दो बातों से जाहिर है कि चीन एक तरफ खुले और पारदर्शी सिद्धांत पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ महामारी की रोकथाम में सहयोग मजबूत कर रहा है, दूसरी तरफ सामान्य आर्थिक और सामाजिक गतिविधि बहाल करने का प्रयत्न कर रहा है।
इससे यह भी जाहिर है कि कुछ लोगों की चीन को जुदा करने की मंशा मखौल से कम नहीं है।
वैश्वीकरण के युग में जुदा करने का विचार न तो व्यावहारिक है और न ही संभव है।
नये कोरोना वायरस महामारी (Novel Corona Virus Epidemic) से लोगों ने स्पष्ट देखा है कि हम एक दूसरे से जुड़े हैं। कोई भी देश अकेले ही समग्र मानव के सामने मौजूद विभिन्न चुनौतियों का निपटारा नहीं कर सकता है। कोई भी देश अपने को बंद करने की स्थिति में नहीं रख सकता है। इसी कारण अधिकाधिक देश चीन के साथ कठिनाई दूर करने के लिए खड़े हुए हैं।
अब विश्व के 160 से अधिक देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने चीन का समर्थन जताया। दर्जन भर देशों की सरकारों और जनता ने चीन को राहत दी है। महामारी के सामने कोई सीमा नहीं है।
(यह आलेख मूलतः रेडियो चाइना इंटरनेशनल पर प्रकाशित हुआ है, इसके संपादित अंश जनहित में हम साभार प्रकाशित कर रहे हैं।)