आजमगढ़/लखनऊ 7 नवम्बर 2017. मुंबई से गिरफ्तार आजमगढ़ के अबू जैद के परिजनों से रिहाई मंच के प्रतिनिधिमंडल ने उनके गाँव छाऊं जाकर मुलाक़ात की.
मंच ने कहा कि जिस तरह से अबू जैद को मेन आइडियोलाग बताया जा रहा है, उसके आईएस से सम्बन्ध बताए जा रहे हैं और उसके इराक जाने की बात कही जा रही है यह बिलकुल हास्यास्पद तर्क हैं. यूपी एटीएस जब खुद कह रही है कि अप्रैल में गिरफ्तार चार व्यक्तियों के इन्टेरोगेशन के बाद उसने उस ग्रुप को संचालित करने वाले अबू जैद की गिरफ्तारी की, तो उसे बताना चाहिए कि अगर वह सच में उस ग्रुप का मेंबर था या संचालन कर रहा था तो वो इन गिरफ्तारियों के बाद भारत क्यों आया. जब उसके लिंक आईएस से थे तो वो उधर जाता यहाँ वो क्या इसलिए आया कि मैं आ गया आइये आप लोग पकड़ लीजिये. उसकी बेरोजगारी को आईएस से जुड़ने की कहानी से जोड़ा जा रहा है और कहा जा रहा है कि उसने साथियों की गिरफ्तारी के बाद उसने नौकरी छोड़ दी, अपना फेसबुक अकाउंट डिलीट कर दिया. सामान्य सी सूझबूझ रखने वाला कोई व्यक्ति जिसे मेन आइडियोलाग बताया जा रहा है वो खुद आकर अपने को गिरफ्तार करवा लेगा ये बात नहीं टिकती.
अबू जैद के पिता अलाउद्दीन ने रिहाई मंच के मसीहुद्दीन संजरी और तारिक शफीक़ को बताया कि उनका बेटा कभी भी घर से एक दो दिन के लिए भी किसी अनजान जगह नहीं गया। वह बिल्कुल बेगुनाह है। उसका कोई अपराधिक रिकार्ड नहीं है। हर आने जाने वाले से वह कहते हैं कि गांव में किसी भी व्यक्ति से भी पूछ लीजिए, हिंदू मुसलमान किसी से भी, मेरे दोनों बेटों का चाल चलन कैसा है? उन्हें यकीन है कि उनके बेटे के खिलाफ एजेंसियों को कोई सबूत नहीं मिलेगा और वह छूट जाएगा।
पेशे से किसान अबू
अबू ज़ैद को उत्तर प्रदेश एटीएस ने मुम्बई एयरपोर्ट से शुक्रवार 3 नवम्बर को गिरफ्तार कर लिया। 31 वर्षीय अबू ज़ैद सऊदी अरब से अपने घर आ रहा था। सऊदी अरब से मुम्बई और फिर मुम्बई से कनेक्टिंग फ्लाइट से वाराणसी उसे आना था। घर वाले उसके बारे में कोई जानकारी न मिलने पर परेशान हुए मुंबई और बाबतपुर, वाराणसी एअरपोर्ट पर उसका इंतज़ार करते रहे.