रविवार, 6 सितंबर, 2020, नई दिल्ली, भारत : वायु प्रदूषण दुनिया भर में 7 मिलियन से अधिक समय से पहले होने वाली मौतों का कारण बनता है, जिसमे अकेले भारत के 1.2 मिलियन लोग सम्मिलित हैं। देश में इनडोर और एंबियंट (आउटडोर) वायु प्रदूषण के दीर्घकालिक संपर्क से लगभग 5 मिलियन मौतों से जुड़ा हुआ है जैसे स्ट्रोक, डायबिटीज, दिल का दौरा, लंग कैंसर, पुरानी फेफड़ों की बीमारियां ।(स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2019 स्वास्थ्य प्रभाव संस्थान द्वारा प्रकाशित)। दुनिया भर के रीसेंट रिसर्च प्रमाण भी वायु प्रदूषण और COVID-19 संक्रामक रोग के बीच एक मजबूत संबंध बताते हैं।
डॉक्टर्स फॉर क्लीन एयर कॉन्क्लेव (Doctor For Clean Air Conclave,) आयोजित किया गया, जिसमें 2000 डॉक्टर्स ने कहा कि वायु प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है और सरकार से अनुरोध है कि जैसे हीं हम COVID -19 से स्वस्थ होते हैं स्वच्छ हवा सुनिश्चित करके नागरिकों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।
कॉन्क्लेव के दौरान, डॉ मारिया नीरा, विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्वास्थ्य विभाग (PHE) के सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरण और सामाजिक निर्धारकों की निदेशक (Dr Maria Neira -WHO Director, Public Health, Environmental and Social Determinants of Health.), ने कहा
"एक स्वास्थ्य प्रोफेशनल के रूप में, मैंने पहली बार देखा है कि वायु प्रदूषण हमारे शरीर, हमारे फेफड़ों