वायु प्रदूषण के उच्च स्तर वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोग, कोरोना वायरस (COVID19) के प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं, क्योंकि उनके फेफड़े वायु प्रदूषण के चलते कमज़ोर हो जाते हैं।
यह चेतावनी वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य प्रभावों पर काम कर रहे डॉक्टरों के एक समूह ने दी है।
डीएफसीए के मुताबिक वायु प्रदूषण के लंबी अवधि तक संपर्क में आने से अंगों के पूरी तरह से कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है और यह संक्रमण और बीमारियों की चपेट में आ जाता है। वर्तमान कोविड-19 महामारी के संदर्भ में, ऐसे व्यक्तियों को गंभीर जटिलताओं का सामना करने की आशंका है।
डीएफसीए के मुताबिक वायु प्रदूषण और COVID19 की मृत्यु दर के बीच अभी तक कोई सीधा संबंध तो साबित नहीं हुआ हैं। हालांकि, एसएआरएस जैसे कोरोनोवायरस के पिछले उपभेद वायु प्रदूषण के उच्च स्तर वाले क्षेत्रों में उच्च मृत्यु का कारण बनते हैं।
डीएफसीए के मुताबिक एक वैश्विक पहुंच सेवा स्रोत “एनवायरनमेंटल हेल्थ” में पिछले दिनों एक शोध प्रकाशित हुआ था। इस शोध में अप्रैल और मई 2003 के बीच चीन के पांच अलग-अलग क्षेत्रों में SARS मृत्यु दर और वायु प्रदूषण के स्तर की तुलना की गई थी और इस शोध में सार्स के अधिकांश मामलों का निदान किया गया था। शोधकर्ताओं ने पाया कि जैसे-जैसे प्रदूषण का स्तर बढ़ा वैसे-वैसे सार्स प्रभावित मृत्यु दर में बढ़ोत्तरी हुई, जो निम्न वायु प्रदूषण वाले क्षेत्रों में लगभग 4% से लेकर मध्यम
डीएफसीए ने जनता, विशेषकर उन लोगों से जो प्रदूषित शहरी क्षेत्रों में रहते हैं और जिनको फेफड़े या दिल की बीमारियों की पहले से शिकायत है, से कहा है कि वे स्वच्छता और सामाजिक मेल-मिलाप में दूरी बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतें और यदि सर्दी, बुखार और सांस फूलने के लक्षण दिखाई दें तो तत्काल चिकित्सा सहायता लें।
डीएफसीए ने सरकार से देश में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दीर्घकालिक योजनाएं बनाने का भी आग्रह किया है। डीएफसीए ने थर्मल पावर प्लांट उत्सर्जन मानदंड, डीजल और पेट्रोल वाहनों से उत्सर्जन के नियमन और निर्माण और ठोस अपशिष्ट मानदंडों को सख्ती से लागू करने की मांग की है ताकि वायु प्रदूषण के स्रोतों से निपटा जा सके।
कोरोना से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सार्क देशों के प्रमुखों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहे हैं, अच्छी बात है, लेकिन यदि अपने देश में भी सरकार पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी का एहसास करे और अपनी जिम्मेदारी निभाए भी तो बेहतर होगा।
अमलेन्दु उपाध्याय