Everyone should know Ajinomoto is harmfull of your health. क्या अजीनोमोटो सुअर से बनाया गया है ? अजीनोमोटो से क्या होता है, अजीनोमोटो के नुकसान (Ajinomoto Side Effects In Hindi). Ajinomoto and its side effects in hindi. इन सारे प्रश्नों पर देशबन्धु में प्रकाशित एक पुराने लेख में चर्चा की गई है। उस लेख का संपादित रूप साभार
प्राकृतिक चिकित्सकों तथा खान-पान विशेषज्ञों से जब भी पौष्टिकता, स्वास्थ्य और रोगों के विषय पर चर्चा होती है तो वे सबसे पहला हमला तीन सफेद जहर के प्रयोग (Use of three white poisons) पर करते हैं। प्रकृति प्रेमियों के अनुसार सफेद नमक, सफेद दानेदार चीनी तथा सफेद मैदा ऐसे तीन जहर हैं जो हमारे बहुत से रोगों का प्रमुख और प्रत्यक्ष कारण हैं। सफेद नमक के स्थान पर वे सेंधा नमक या काला नमक आदि का विकल्प प्रस्तुत करते हैं। चीनी के स्थान पर देसी खांड, गुड़, शक्कर आदि का विकल्प बताया जाता है बशर्ते गुड़ और शक्कर भी बिना केमिकल्स के बनाये गये हों। मैदे की पाचन क्रिया को बाधित करने में अग्रणी भूमिका है, क्योंकि प्राकृतिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार मैदे को पाचन क्रिया में सीमेंट के समान माना जाता है जो पाचन मार्ग में बहुत लम्बे समय के लिए चिपककर रह जाता है परन्तु मल रूप में शरीर से बाहर निकलने का नाम नहीं लेता।
नमक के बारे में तो अंग्रेजी चिकित्सा पद्धति के लोग भी स्वीकार करते हैं कि इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने का दुष्प्रभाव (Side effects of increasing blood pressure) सीधा हृदय पर, किडनियों पर तथा लिवर पर पड़ता है। परन्तु आज भारतीय
वास्तव में अजीनोमोटो जापान का एक खाद्य एवं केमिकल निगम का नाम है जो कई खाद्य पदार्थ तथा औषधियों के अतिरिक्त विशेष रूप से शुगर फ्री टेबलेट का निर्माण (Manufacture of sugar free tablet) भी करता है। सारे विश्व के शुगर फ्री उत्पादन का लगभग 40 प्रतिशत भाग इस अजीनोमोटो निगम का है। अजीनोमोटो का जापानी भाषा में अर्थ (Ajinomoto meaning in Japanese) है स्वाद पैदा करने वाला रसायन (Flavoring Chemicals)। इस कम्पनी का मुख्य कार्यालय टोकियो में है और इसका व्यापार लगभग 26 देशों में चलता है। इसी कम्पनी के द्वारा एक विशेष नमक तैयार किया जाता है जिसका नाम ही अजीनोमोटो नमक प्रसिद्ध है। यह नमक लगभग सभी चाइनीज खाद्य पदार्थों में प्रयोग किया जाता है जैसे- चाऊमीन, मंचूरियन, मोमोज तथा सूप इत्यादि।
अजीनोमोटो का रासायनिक नाम मोनोसोडियम ग्लुटामेट (एम.एस.जी.) है। यह मोनोसोडियम नामक रासायन प्राकृतिक रूप से टमाटर, पनीर तथा कई अन्य सब्जियों में भी पाया जाता है।
अजीनोमोटो की आवश्यकता हमारे शरीर में इतनी नहीं होती कि इसका सेवन हमें बाहर से करना पड़े। इस मोनोसोडियम की अधिकता हमारे तंत्रिका तंत्र की कोशिकाओं के संतुलन को खराब कर देती है। परन्तु केवल स्वाद के नशे में भारत के खाद्य बाजार में भी अब अजीनोमोटो का प्रचलन लगातार बढ़ता जाता है।
अजीनोमोटो के प्रयोग से हमारे शरीर में ग्लूकोज का स्तर भी असंतुलित रहने लगता है। शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ने या घटने जैसी दोनों परिस्थितियों में व्यक्ति को भूख अधिक लगती है। अधिक खाने के कारण मोटापा भी बढ़ने लगता है। जब व्यक्ति को अजीनोमोटो से बने पदार्थ स्वादिष्ट लगने लगते हैं तो यह रासायन उसके लिए नशे की तरह बन जाता है। अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस रसायन पर अनेकों अनुसंधान सम्पन्न करके यह स्थापित किया है कि अजीनोमोटो के प्रयोग का सीधा प्रभाव कोलेस्ट्राल बढ़ने, ब्लड प्रेशर बढ़ने तथा शुगर बढ़ने के रूप में सामने आता है। मोटापे की समस्या इन तीनों का परिणाम है।
Ajinomoto is one such silent murderer for everyone
इस सम्बन्ध में अमेरिका के डॉ. मरकोला का योगदान उल्लेखनीय है जिन्होंने अंग्रेजी पद्धति पर आधारित चिकित्सा व्यवसाय को त्यागकर लोगों को खान-पान के द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं देने का कार्य प्रारम्भ किया। डॉ. मरकोला के अनुसार अजीनोमोटो प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक ऐसा शान्त कातिल है जिसका प्रभाव शराब तथा कई नशीली वस्तुओं से अधिक तेज गति से होता है। अजीनोमोटो के सेवन से श्वास की समस्याएं पैदा होती हैं। सिर दर्द, जुखाम, हृदयगति तेज होना तथा उल्टी आदि की सम्भावनाएं भी प्रबल होती हैं।
Ajinomoto and its side effects in hindi | ajinomoto in pregnancy in hindi | क्या गर्भावस्था के दौरान अजीनोमोटो खाना सुरक्षित है?
अजीनोमोटो का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए तो दोहरा खतरनाक है क्योंकि गर्भ में पलने वाला बच्चा माँ के द्वारा सेवन किये गये पदार्थों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होता है। इस केमिकल के कारण कई बार तो गर्भस्थ बच्चे को भोजन के पोषक तत्त्वों की आपूर्ति भी बन्द हो जाती है। इसका अर्थ यह होगा कि बच्चा अन्य पौष्टिक तत्वों को भी प्राप्त नहीं कर पायेगा। ऐसे बच्चे जन्म से ही रोगों के शिकार होने लगते हैं। अजीनोमोटो नमक बाजार में प्रयोग किये जाने वाले सामान्य नमक से भी अधिक पानी शरीर में रोकने का कार्य करता है। शरीर में पानी का रुकना और ब्लड प्रेशर का बढ़ना गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक सिद्ध हो सकता है।
Everyone should know Ajinomoto is harmfull of your health
अजीनोमोटो का अधिक सेवन करने वाले लोगों में आये दिन सिरदर्द की समस्या सिर के एक भयंकर रोग के रूप में स्थापित हो जाती है। मस्तिष्क की कोशिकाएं धीमी पड़ जाती हैं और यहीं से समस्या पैदा होती है अनिद्रा अर्थात् नींद कम आना। पर्याप्त मात्रा में नींद न आने के कारण व्यक्ति की कार्यक्षमता दिन में भी प्रभावित होने लगती है। ऐसे व्यक्ति अक्सर एक अवधि के बाद तनावग्रस्त रहने लगते हैं। परन्तु सामान्यत: कोई भी रोगी इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं होगा कि रोगोंं की सारी समस्याएं मुख्यत: तीन सफेद जहर अर्थात् सफेद नमक, सफेद चीनी और सफेद मैदे आदि से जुड़ी हैं। अजीनोमोटो तो इन तीनों से भी अधिक हानिकारक प्रभाव वाला रसायन सिद्ध हो चुका है।
अजीनोमोटो भारत में प्रतिबंध लगा दिया है ?
स्वास्थ्य मंत्रालयों को इस सम्बन्ध में विशेष प्रयास करने चाहिए कि ऐसे रसायनों का खाद्य पदार्थों के रूप में प्रयोग प्रतिबन्धित किया जाये। दूसरी तरफ स्वास्थ्य प्रेमी जनता को स्वयं भी ऐसे खाद्य पदार्थों से सचेत रहना चाहिए। विशेष रूप से बच्चों को ऐसे हानिकारक पदार्थों से दूर रखने के लिए विद्यालयों और कॉलेजों की कैंटीनों में शिक्षण संस्थाओं के द्वारा स्वयं ही विशेष प्रतिबन्ध लगाने चाहिए।