एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस ((Amyotrophic lateral sclerosis) ALS} केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के मोटर न्यूरॉन्स (motor neuron disease) का एक प्रगतिशील अध: पतन है, जो मांसपेशियों को बर्बाद करने और पक्षाघात का कारण (cause of Paralysis) बनता है।
अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग (U.S. Department of Health & Human Services) के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (Centres for Disease Control and prevention) पर उपलब्ध एक जानकारी के मुताबिक -
कई लोग एएलएस को लू गेहरिग की बीमारी (Lou Gehrig’s disease) के रूप में जानते हैं, जिसका नाम प्रसिद्ध बेसबॉल खिलाड़ी के नाम पर रखा गया था, जिन्हें यह बीमारी हो गई थी और 1939 में उन्हें इसके चलते सेवानिवृत्त होना पड़ा था।
यह बीमारी तंत्रिका कोशिकाओं का काम करना बंद कर उन्हें और मार देती है। तंत्रिका विशिष्ट मांसपेशियों को ट्रिगर करने की क्षमता खो देती है, जिससे मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और पक्षाघात हो जाता है।
हालाँकि एएलएस पीड़ितों की संख्या के बारे में निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राज्य अमेरिका में बारह से पन्द्रह हजार लोग इसका शिकार हैं और डॉक्टर्स हर वर्पांष च हजार लोगों को बताते हैं कि उन्हें यह बीमारी है।
एएलएस महिलाओं की तुलना में पुरुषों में थोड़ा अधिक आम है। एएलएस उम्र से संबंधित बीमारी है; अधिकांश लोगों को 55 से 75 वर्ष की आयु के बीच यह पता चलता है कि उनको यह बीमारी है, और लक्षण विकसित
लगभग 5-10% एएलएस मामले परिवारों के भीतर होते हैं। इसे पारिवारिक एएलएस कहा जाता है और इसका तात्पर्य है कि एक परिवार में दो या अधिक लोगों को एएलएस है। पारिवारिक ALS पुरुषों और महिलाओं के बीच समान रूप से पाया जाता है।
कोई नहीं जानता कि एएलएस के अधिकांश मामलों का कारण क्या है। वैज्ञानिक कई कारकों का अध्ययन कर रहे हैं जिन्हें एएलएस से जोड़ा जा सकता है जैसे कि आनुवंशिकता और पर्यावरणीय जोखिम। अन्य वैज्ञानिकों ने आहार या चोट को इसका कारण माना है। यद्यपि एएलएस के अधिकांश मामलों के लिए कोई कारण नहीं पाया गया है। वंशानुगत एएलएस में जरूर विरासत में मिले कारकों में से एक कारण पाया गया है। भविष्य में, वैज्ञानिक यह जान सकते हैं कि कई कारक एक साथ एएलएस का कारण बनते हैं।
( नोट - यह समाचार किसी भी हालत में चिकित्सकीय परामर्श नहीं है। यह समाचारों में उपलब्ध सामग्री के अध्ययन के आधार पर जागरूकता के उद्देश्य से तैयार की गई अव्यावसायिक रिपोर्ट मात्र है। आप इस समाचार के आधार पर कोई निर्णय कतई नहीं ले सकते। स्वयं डॉक्टर न बनें किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लें।)