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आंदोलनकारियों के पोस्टर लगवाकर सरकार अपने गुंडों को हमले के लिए उकसा रही है : शाहनवाज़ आलम

गोरखपुर, मऊ, आज़मगढ़ दंगों में नुकसान हुई सार्वजनिक संपत्ति का हर्जाना योगी से वसूला जाना चाहिए

लखनऊ, 6 मार्च 2020. लखनऊ के सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलनकारियों की तस्वीरों (Pictures of anti-CAA-NRC agitators of Lucknow) को सरकार द्वारा चौराहों पर लगाए जाने को ग़ैर क़ानूनी बताते हुए कांग्रेस ने इसे अपने विरोधियों के चरित्र हनन की आपराधिक और षड्यंत्रकारी राजनीति बताया है।

कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने जारी बयान में कहा है कि जिन कथित आरोपियों की जमानत पर सुनवाई के समय अदालत ने योगी सरकार और पुलिस को ही कटघरे में खड़ा किया, जिनके ख़िलाफ़ सरकार कोई कमज़ोर सुबूत भी नहीं दे पाई उन लोगों के नाम का पोस्टर किसी अपराधी की तरह शहर में चस्पा करा कर सरकार ने ख़ुद अदालत की अवमानना की है जिसे अदालत को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया है कि ऐसा करके योगी ने साबित कर दिया है कि उनकी न्याय प्रक्रिया में कोई आस्था नहीं है।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आंदोलनकारियों की तस्वीरें, नाम और पता पोस्टर पर लगवाकर उनके ख़िलाफ़ अपने गुंडों को उकसा रहे हैं। इसलिए अदालत को चाहिए कि उनको सुरक्षा उपलब्ध कराए।

उन्होंने कहा कि अगर इन लोगों या इनके परिजनों के ऊपर किसी भी तरह की हिंसा होती है तो इसके लिए सीधे मुख्यमंत्री योगी ज़िम्मेदार होंगे।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अजय सिंह बिष्ट उर्फ योगी आदित्यनाथ के ऊपर ख़ुद गोरखपुर, आज़मगढ़, मऊ सिद्धार्थ नगर में दंगा, आगजनी के मुक़दमे दर्ज हैं जिनमें आम लोगों का करोड़ों का नुकसान हुआ था। अगर क्षतिपूर्ति का यही तरीका उचित है तो सबसे पहले इसकी शुरुआत योगी को ख़ुद से करके उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।

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