नई दिल्ली, 08 अप्रैल 2019. लेखों की एक नई श्रृंखला से जानकारी मिली है कि, इम्यूनोलॉजी (immunology), वायरोलॉजी (virology), महामारी विज्ञान (epidemiology) के विशेषज्ञ मौसमी इन्फ्लूएंजा के टीकों को बेहतर बनाने और अंततः एक सार्वभौमिक इन्फ्लूएंजा वैक्सीन विकसित करने के लिए टीके के विकास व विस्तार के प्रयास में लगे हैं। संक्रामक रोगों के जर्नल (Journal of Infectious Diseases) के 15 अप्रैल के अंक में प्रकाशित यह 15 लेख एक पूरक का हिस्सा हैं।
योगदानकर्ता लेखकों में संयुक्त राज्य अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ व नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिसीज (एनआईएआईडी) द्वारा समर्थित वैज्ञानिक हैं।
NIAID के वैक्सीन रिसर्च सेंटर (VRC) के उपनिदेशक बार्नी एस. ग्राहम, M.D. (Barney S. Graham, M.D., Ph.D.), और VRC की वायरल पैथोजेनेसिस लेबोरेटरी में ट्रांसलेशनल साइंसेज कोर के प्रमुख मिशेल C. क्रैंक (Michelle C. Crank, M.D.) ने इस परिशिष्ट पूरक (supplement) को संपादित किया है।
एक परिचयात्मक लेख में, एनआईएआईडी के निदेशक एंथनी एस. फौसी, एमडी (Anthony S. Fauci, M.D. ) और पेन स्टेट हेल्थ मिल्टन एस. हर्शे मेडिकल सेंटर के एक संक्रामक रोग चिकित्सक कैथरीन आई. पल्स, एमडी (Catharine I. Paules, M.D.), इन्फ्लूएंजा के टीकों को सुधारने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य की जरूरत को रेखांकित करते हुए बताते हैं कि मौसमी इन्फ्लूएंजा के कारण हर साल दुनिया भर में लगभग 291,000 से लेकर लगभग 646,000 मौतें होती हैं। वे एक अन्य इन्फ्लूएंजा महामारी की संभावना पर भी चर्चा करते हैं, जो तब होता है जब एक नया इन्फ्लूएंजा वायरस अप्रत्याशित रूप से पैदा होता है जिसके प्रति अधिकांश लोगों में प्रतिरक्षा नहीं होती है। 1918 के इन्फ्लूएंजा महामारी के कारण अनुमानित 50 मिलियन से 100 मिलियन मौतें हुईं।
मूल खबर
Approximately 291,000 to nearly 646,000 deaths worldwide each year due to seasonal influenza