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2016
July
01
ARCHIVE SiteMap 2016-07-01
मेडम बिन्ह के बहाने-पहले संशोधनवादी कहकर पार्टी तोड़ते हैं, फिर उसी रास्ते चलते हैं
केंद्र सरकार तो संसद की परवाह करती ही नहीं, किसी मंत्री को भी नहीं करनी
इस राष्ट्र के बहाने से तुम मेरी ज़मीन क्यों ले रहे हो भाई?