लखनऊ, 7 जुलाई 2015। रिहाई मंच ने बाराबंकी में पत्रकार की मां के साथ थाने में बलात्कार करने के प्रयास में विफल (Attempt to rape journalist's mother in police station in Barabanki failed) होने के बाद एसओ राय साहब यादव और एसआई अखिलेश राय द्वारा जिंदा जला दिए जाने की घटना को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा बलात्कारियों को संरक्षण देने की नीति का नतीजा बताते हुए कहा है कि पुलिस थानों, मंत्रियों और सपा कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगें और उनकी स्क्रीन सड़क पर हो।
मंच ने कानपुर में सपा उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन कानपुर ग्रामीण का बोर्ड लगे मकान के अंदर सेक्स रैकेट के खुलासे और उसमें सपा नेता दीपक गुप्ता की गिरफ्तारी (SP leader Deepak Gupta arrested in sex racket) के बाद सपा के मंत्रियों, सांसदों, विधायको और नेताओं फार्म हाउसों तथा रिसॉर्ट पर छापा मारने की मांग की है।
रिहाई मंच नेता राजीव यादव ने कहा कि शाहजहांपुर में पत्रकार को जिंदा जला देने के बाद बाराबंकी में पत्रकार की मां के साथ थाने में बलात्कार करने का प्रयास और जिंदा जला देने की घटना साफ करती है कि प्रदेश के थाने बलात्कार करने के सेंटर में तब्दील हो चुके हैं। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सपा से जुड़े कुछ प्रॉपर्टी डीलरों के लड़कों द्वारा कानपुर की कक्षा 10 की एक छात्रा के साथ 40 दिन तक बलात्कार होता है और जब 22 जून
राजीव यादव ने कहा कि एसएसपी को पुलिस कार्यालय की गरिमा को धूमिल नहीं करना चाहिए और अगर वे मुलायम सिंह यादव के प्रति इस ओहदे पर बैठाए जाने के कारण कृतज्ञता व्यक्त करना चाहते हैं तो उन्हें उनकी तस्वीर अपने घर में लगानी चाहिए न कि कार्यालय में।
रिहाई मंच नेता ने सवाल किया कि अखिलेश यादव को बताना चाहिए कि उनके सरकार के विज्ञापनों या सरकारी ऑफिसों में उनके पिता और पत्नी की तस्वीरें किस हैसियत से लगाई जा रही हैं। रिहाई मंच नेता ने पत्रकार की मां के हत्यारे पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए इस घटना समेत पूरे सूबे में हो रही महिलाओं के साथ हिंसा पर उच्च स्तरीय जांच आयोग गठित करने की मांग करते हुए आगामी मानसून सत्र में महिलाओं की सुरक्षा पर विवेश सत्र आहूत करने की मांग की।
रिहाई मंच प्रवक्ता शाहनवाज आलम ने मांग की कि प्रदेश के थानों, एसएसपी कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय समेत विभिन्न सरकारी दफ्तरों समेत सपा के कार्यलयों में सीसीटीवी कैमरा लगाकर सड़क पर स्क्रीन लगाई जाए। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को यह भ्रम त्याग देना चाहिए कि स्वजातीय अराजक व अपराधी तत्वों का संरक्षण कर वे जातीय ध्रुवीकरण करने में सफल हो जाएंगे। हमारा समाज और संस्कृति महिलाओं को सम्मान देता है इसलिए बलात्कार की ऐसी घटनाओं के खिलाफ पूरा समाज जाति और धर्म से ऊपर उठकर अपराधियों की इस सरकार का मुहतोड़ जवाब देगा। रिहाई मंच प्रवक्ता ने राज्य महिला आयोग व सपा की महिला विधायकों और सांसद डिंपल यादव की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि वे सूबे की महिलाओं के मान-सम्मान के साथ खड़ी है या फिर सपा के लंपट और महिला विरोधी सरकार के साथ।