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सर्दियों में सोरायसिस से परेशान हैं, तो क्यों नहीं करते ये उपाय

नई दिल्ली, 21 दिसम्बर। सर्दी के मौसम में त्वचा को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है, खासतौर से सोरायसिस के मरीजों को इस मौसम में काफी सावधान रहना चाहिए। ठंडे और शुष्क मौसम के कारण सोरायसिस के मरीजों की त्वचा पर लाल रंग की सतह उभरकर सामने आती है और त्वचा बार-बार रूखी-सूखी, फटी और बेजान दिखाई देती है।

क्या है सोरायसिस | psoriasis meaning in Hindi | psoriasis in Hindi

सोरायसिस एक ऑटो इम्यून अवस्था है, जिसमें सामान्य से कहीं ज्यादा तेजी से त्वचा की नई कोशिकाएं बनने लगती हैं। हमारा शरीर हर 10 से 30 दिनों के बीच त्वचा संबंधी नई कोशिकाएं बनाती है, जो पुरानी कोशिकाओं की जगह लेती हैं, जबकि सोरायसिस नामक रोग में नई स्किन सेल्स काफी तेजी से बनती हैं, जिससे शरीर को पुरानी स्किन सेल्स छोड़ने का पर्याप्त समय नहीं मिल पाता।

इससे त्वचा या चमड़ी पर ही मोटी परत जम जाती है। त्वचा पर ये लाल रंग की सतह के रूप में उभरकर सामने आती है। इससे त्वचा शुष्क हो जाती है। उस पर खुजली होने लगती है। शरीर पर लाल या सिल्वर रंग के धब्बों के रूप में चकत्ते उभर आते हैं।

सर्दियों में सोरायसिस की बीमारी पर काबू पाने के उपाय

Solutions to overcome psoriasis in winter

class="has-text-align-justify">गुड़गांव स्थित आर्टेमिस हॉस्पिटल की डर्मटोलॉजी एवं कॉस्मेटोलॉजी एचओडी डॉ. मोनिका बाम्बरू ने सर्दियों में सोरायसिस की बीमारी पर काबू पाने के लिए उपाय सुझाए हैं।

मॉइश्चराइजिंग सोप या बॉडी वॉश का प्रयोग करें

Use moisturizing soap or body wash

एक कठोर साबुन त्वचा की प्राकृतिक पीएच को बदल सकता है, जिससे सूखी त्वचा पर खुजली या अन्य परेशानी बढ़ जाती है। न्यूट्रल पीएच लेवल वाला सोप या बॉडी वॉश का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे त्वचा में नमी बरकरार रहती है और त्वचा शुष्क नहीं होती। बॉडी वॉश का इस्तेमाल करते हुए लूफा साबुन का प्रयोग करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे आपकी त्वचा की परेशानी और बढ़ सकती है।

ओटमील बाथ

इस तरह के स्नान के लिए एक कप ओटमील लेकर इसे गुनगुने पानी में डाल दें। इसमें कुछ बूंदें आप खुशबूदार तेल की मिला सकते हैं। इस गुनगुने पानी से नहाने से आपकी त्वचा को आराम पहुंच सकता है और शुष्क, लाल दानों या चकत्तों से भरी त्वचा, जिससे खुजली और जलन होती है, को ढीली या नरम पड़ने में मदद मिलती है।

जब ओट्स पानी के संपर्क में आते हैं तो वह जिलेटिन जैसी फिल्म बनाते हैं, जिससे त्वचा सुरक्षित होती है और उसमें नमी भी आती है। नहाते समय त्वचा की रगड़कर सफाई करने से बचें क्योंकि इससे मरीज की त्वचा की खुजली और जलन बढ़ जाती है और लाल रंग की सतह भी तेजी से स्किन पर उभर सकती हैं।

स्किन क्रीम या मॉश्चराइजर लगाइए

Apply skin cream or moisturizer

 दिन भर अपनी त्वचा को नमी से भरपूर रखें। इसके लिए आपको दिन में दो बार स्किन क्रीम या मॉश्चराइजर लगाने की सलाह दी जाती है।

क्लॉदिंग

ऊनी कपड़े त्वचा में जलन कर सकते हैं और इससे पपड़ियां जम सकती हैं। सर्दियों के दौरान सोरायसिस के रोगियों को ऊनी कपड़ों के नीचे कॉटन के पतले कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है। इस तरह वे सर्दी को बिना किसी पपड़ी होने की चिंता किये बगैर मात दे सकते हैं।

धूप लें

सर्दियों के दौरान उचित धूप नहीं मिलने से, किसी की त्वचा भी नीरस हो सकती है। धूप का अधिक से अधिक आनंद उठायें और घर के बाहर समय बितायें। इससे न सिर्फ विटामिन डी का स्तर बढ़ेगा बल्कि आपका मूड भी बेहतर होगा।

डॉ. मोनिका बाम्बरू ने कहा कि जीवनशैली में इन बदलावों को करने के अलावा, अपने उपचार पर पूरा ध्यान दें और अपने डर्मटोलॉजिस्ट द्वारा बताई गईं दवाईयां समय पर लेते रहें।

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