Hastakshep.com-देश-Azamgarh Police-azamgarh-police-Encounter-encounter-Happy New Year hoardings-happy-new-year-hoardings-Panchayati elections-panchayati-elections-आजमगढ़ पुलिस-aajmgrh-pulis-एनकाउंटर-enkaaunttr-नए साल की शुभकामना होर्डिंग-ne-saal-kii-shubhkaamnaa-hordding-पंचायती चुनाव-pncaaytii-cunaav

लक्ष्मण यादव की हत्याकर पुलिस की मिलीभगत से दिखा दिया एनकाउंटर - परिजनों का आरोप

नए साल की शुभकामना होर्डिंग बनी मौत की वजह क्योंकि लक्ष्मण लड़ना चाहता था पंचायती चुनाव

आजमगढ़ 25 अक्तूबर 2019. रिहाई मंच ने आजमगढ के उल्टहववा देवारा जदीद के लक्ष्मण यादव के परिजनों से मुलाकात की जिन्हें मुठभेड़ में पुलिस ने मारने का दावा किया था। मंच ने दावा किया है कि परिजनों और ग्रामवासियों ने मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए कहा कि उसकी हत्या हुई और फिर पुलिस से मिलकर उसे मुठभेड़ का नाम दिया गया।

मंच का कहना है कि संचार माध्यमों में आई खबरों में भारी अंतरविरोध है, जैसे हिन्दुस्तान लिखता है कि एसपी ग्रामीण नरेन्द्र प्रताप सिंह को रात दो बजे मुखबिर से लक्ष्मण यादव के बारे में सूचना मिली। वहीं दैनिक जागरण के अनुसार नरेन्द्र प्रताप सिंह को यह सूचना पांच बजे मिली। पुलिस ने मुठभेड़ का वक्त साढे़ सात के करीब बताया है, जबकि मुठभेड़ स्थल के पास मिले ग्रामीण यह घटना सुबह तड़के की बता रहे हैं।

एसपी ग्रामीण की बुलेट प्रूफ जैकेट में गोली लगने की बात भी मीडिया में आई।

आजमगढ़ पुलिस ने 30 अगस्त को ट्वीट किया कि पांच गिरोहों के 23 अपराधियों पर पुलिस की नजर, नौ अपराधियों की खोली गई हिस्ट्रीशीट। इसके साथ दैनिक जागरण और अमर उजाला की पेपर कटिंग अटैच थी जिसमें वांछित अपराधियों के नाम व पते थे। पर इस सूची में लक्ष्मण यादव का नाम शामिल नहीं था। जबकि 25 जुलाई 2019 को रौनापार श्याम दुलारी महाविद्यालय के बस चालक रामबली यादव की हुई हत्या के मामले में लक्ष्मण यादव को फरार बताते हुए 4 अगस्त को पुलिस उप-महानिरीक्षक आजमगढ़ परिक्षेत्र आजमगढ़ द्वारा उस पर 50 हजार रूपये का पुरस्कार घोषित किया गया था। उस हत्या के दो दिन पहले ही 23 जुलाई को पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ द्वारा 25 हजार के ईनाम की बात

सोशल मीडिया सेल आजमगढ़ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में थाना महाराजगंज ने की।

अमर उजाला लिखता है कि डीआईजी आजमगढ़ की ओर से 50 हजार, आईजी लखनऊ की तरफ से एक लाख, तो दैनिक जागरण लिखता है कि एसपी द्वारा 50 हजार और अयोध्या के आईजी की ओर से एक लाख का ईनाम घोषित किया गया। पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह द्वारा लुटेरों के विरूद्ध चलाए गए अभियान के क्रम में 10 अक्टूबर को पुलिस अधीक्षक ग्रामीण नरेन्द्र प्रताप सिंह को सूचना मिलने के बाद लक्ष्मण यादव को मुठभेड़ में मारे जाने का दावा करते हुए प्रमुखता से कहा गया कि डीआईजी के भाई के हत्यारे को पुलिस ने मार गिराया।

Loading...