नई दिल्ली, 28 दिसंबर 2020. संयुक्त राज्य अमेरिका में हुए एक अध्ययन में एक्जिमा नामक एक त्वचा रोग वाले बच्चों को जीवित जीवाणुओं के साथ एक प्रयोगात्मक उपचार से लाभ हुआ। उपचार में तीन साल की उम्र के बच्चों में त्वचा के लक्षणों में सुधार हुआ।
एक्जिमा के कारण सूखी, खुजली वाली त्वचा और चकत्ते हो सकते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि बैक्टीरिया की तरह त्वचा पर रोगाणु, स्थिति में भूमिका निभा सकते हैं। एक्जिमा वाले लोगों में अक्सर स्वस्थ त्वचा वाले लोगों की तुलना में बैक्टीरिया का एक अलग संतुलन होता है।
एनआईएच न्यूज गन हेल्थ के ताजा अंक में प्रकाशित खबर के मुताबिक शोधकर्ताओं ने एक्जिमा के उपचार के रूप में जीवित जीवाणुओं का परीक्षण किया। उन्होंने त्वचा पर प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले रोज़ोमोनस म्यूकोसा (Roseomonas mucosa) नामक बैक्टीरिया का इस्तेमाल किया।
जीवित जीवाणुओं
लगभग सभी बच्चों ने उपचार के बाद अपने लक्षणों में 50% से अधिक सुधार दिखाया। अधिकाँश को स्थिति का प्रबंधन करने के लिए सबसे कम दवा की आवश्यक थी। उन्होंने कम खुजली और जीवन की बेहतर गुणवत्ता की भी सूचना दी।
एनएचएच के शोधकर्ता डॉ. इयान माइल्स, जो इस अध्यन का नेतृत्व कर रहे हैं, के मुताबिक, आर. म्यूकोसा चिकित्सा (R. mucosa therapy) के बाद अध्ययन में शामिल अधिकाँश बच्चों की त्वचा और उनके स्वास्थ्य में कुल मिलाकर अच्छी तरह से सुधार का अनुभव हुआ।