प्राय: हर घर में रसोई होती है जहां हल्दी, हींग, धनिया, काली मिर्च, लौंग, इलायची, अजवायन आदि सभी मसाले मौजूद रहते हैं। कोई भी सब्जी इन मसालों के बिना स्वादहीन रहती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये मसाले केवल स्वाद ही नहीं बढ़ाते हैं बल्कि यह कई प्रकार से स्वास्थ्य के लिए उपयोगी भी होते हैं। आज आपको रोज प्रयोग में आने वाली और हर रसोई में उपलब्ध हल्दी के फायदे (Benefits Of Turmeric In Hindi, Haldi ke Fayde in Hindi) बताते हैं
चेहरे की त्वचा मुंहासों और दाग-धब्बों से कुरूप हो जाती है। पिसी हल्दी एक चम्मच, दो चम्मच बेसन, सन्तरे के सूखे छिलकों का बारीक पाउडर, आधा चम्मच दूध की मलाई व थोड़ा पानी मिलाकर गाढ़ा लेप बनाकर चेहरे पर लेप कर लें तथा 10 मिनट बाद गुनगने गर्म पानी से चेहरा धो लें। नियमित रूप से यह प्रयोग करने पर एक माह में चेहरे के दाग-धब्बे दूर होने लगते हैं।
शरीर पर चोट लगने से सूजन आ जाती है। पिसी हुई हल्दी में थोड़ा गीला चूना मिलाकर लेप बना लें तथा चोट की जगह पर लगावें। इसी प्रकार एक गिलास दूध में एक चम्मच पिसी हल्दी 10 ग्राम गुड़ घोलकर पिएं। इन दोनों प्रयोगों से चोट की सूजन एवं पीड़ा दूर होती है।
गले में खराश होने व टॉन्सिल्स में सूजन (Home remedy for inflammation in tonsils) होने पर रात को सोते समय आधा कप गर्म दूध में आधा चम्मच पिसी हुई हल्दी घोलकर पी लें फिर एक कप गर्म दूध और पी लें परन्तु ठंडा पानी न पिएं। 3-4 दिन में ही गले की खराश व टॉन्सिल्स की सूजन दूर होती है।
आधा चम्मच पिसी हुई हल्दी, पाव चम्मच पिसा नमक एवं 4-5 बूंद सरसों का तेल मिलाकर मसूड़ों पर लेप करने से दांत एवं मसूड़ों के सभी कष्ट दूर होते हैं।
नेत्र दोषों में हल्दी का प्रयोग - Use of turmeric in eye defects
कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis -नेत्राभिष्टानंद) में : एक चम्मच पिसी हल्दी को दो कप पानी में डालकर उबालें एवं आधा कप पानी शेष रहने पर उसे कपड़े से छानकर शीशी में डाल लें तथा ड्रापर से दो-दो बूंद आंखों में डालने से यह रोग दूर होता है।
अस्थमा (दमा) रोग में हल्दी का प्रयोग : Use of turmeric in asthma
दमे का अटैक होने पर पांच ग्राम पिसी हल्दी को पाव भर पानी में मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।
बहता खून रोकने में हल्दी का प्रयोग : Use of turmeric to stop the bleeding
किसी अंग के कटने पर बहते हुए खून को रोकने के लिए कटे अंग पर पिसी हल्दी को चुटकी भरने से बहता खून बंद हो जाएगा।
पेट दर्द में हल्दी का प्रयोग : Use of turmeric in stomach pain
दही या छाछ में हल्दी मिलाकर पीने से पेट का दर्द दूर होता है। दही या छाछ पेट को साफ करती है, जबकि हल्दी पाचन क्रिया को ठीक करती है।
मधुमेह रोग में लाभकारी हल्दी : Turmeric beneficial in diabetes
बारह ग्राम शहद में तीन ग्राम पिसी हल्दी मिलाकर थोड़ा-थोड़ा लेकर चाटना चाहिए। यह क्रिया तीन माह तक करने एवं साथ में दो करेलों का रस पीने से इस रोग को दूर करने में सहायता मिलती है।
कान से पस आने पर लाभकारी हल्दी : Turmeric beneficial for pus in the ears
हल्दी को बारीक पीसकर सरसों के शुद्ध तेल में मिलाकर गर्म कर शीशी भर लें व दिन में 2-3 बार कान में डालें तथा तीली पर रूई लगाकर पस निकाल लें इस क्रिया को 15 दिन तक करने से लाभ मिलता है।
गठिया (आमवात) रोग में लाभकारी हल्दी : Turmeric beneficial in rheumatism
संस्कृत में इस रोग को आमवात कहते हैं, इससे जोड़ों में दर्द रहता है। इसकी चिकित्सा के लिए एक किलो हल्दी की गांठों को आग में भून लें व फिर उसे आग से निकालकर उसे पीस कर इसमें एक किलो गुड़ मिलाकर लड्डू बना लें। इसके अतिरिक्त काजू भी डाल सकते हैं। प्रतिदिन सुबह तुलसी या नींबू की चाय के साथ इसका सेवन करने से आराम मिलता है।
हिचकी आने पर लाभकारी हल्दी : Turmeric beneficial when hiccups occur
पांच ग्राम हल्दी व पांच ग्राम उड़द की दाल मिलाकर पीस लें। इस चूर्ण को जलती चिलम में रखकर कश खींचने से हिचकियां तुरंत बंद हो जाएंगी।
विषैले कीड़ों के काटने पर लाभकारी हल्दी : Turmeric beneficial for poisonous insect bites
हल्दी को बारीक पीसकर तीन ग्राम की मात्रा को आधा किलो छाछ के साथ सेवन करें तथा गर्म पानी से स्नान न करें, एवं खाने में गर्म मसाले न खाएं। अथवा हल्दी (2 ग्राम) को गाय के 25 ग्राम मक्खन में मिलाकर प्रात:काल बिना कुछ खाए सेवन करने से इस रोग में लाभ मिलता है।
प्रसव कष्ट में लाभकारी हल्दी : Turmeric beneficial in labor pain
महिला के गर्भ धारण करने के आठवें मास में पांच ग्राम हल्दी पीसकर दूध के साथ नित्य सुबह व शाम सेवन करें। इससे प्रसव कष्ट कम होगा तथा बच्चे का रंग तथा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
चेचक के दाग में लाभकारी हल्दी : Turmeric beneficial in smallpox stains
चेचक के दागों को ठीक करने के लिए ताजा दूध में हल्दी एवं गेहूं का आटा मिलाकर थोड़ा सरसों का तेल मिलाकर 'उबटन' तैयार कर लें तथा इसकी मालिश इन दागों पर करने से दाग ठीक होते हैं। इसके अतिरिक्त हल्दी का एक विशेष टॉनिक बढ़ती उम्र में शरीर को स्वस्थ रखने तथा शरीर को कायाकल्प करने में काम आता है।
( नोट - यह समाचार किसी भी हालत में चिकित्सकीय परामर्श नहीं है। यह समाचारों में उपलब्ध सामग्री के अध्ययन के आधार पर जागरूकता के उद्देश्य से तैयार की गई अव्यावसायिक रिपोर्ट मात्र है। आप इस समाचार के आधार पर कोई निर्णय कतई नहीं ले सकते। स्वयं डॉक्टर न बनें किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लें।)
स्रोत- देशबन्धु