شاعری خون دل سے ہوتی ہے
مفت میں یہ ہنر نہیں آتا
बदायूँ, 05 जनवरी 2021. बज़्म-ए-अदब बदायूं ने शायर फ़हमी' बदायूँनी को यौम-ए-पैदाइश की मुबारकबाद पेश करते हुए उनकी सेहतयाबी की दुआ की है।
फ़हमी' बदायूँनी साहब किसी तआर्रुफ़ के मोहताज नहीं है। उनका अस्ल नाम 'ज़मा शेर खान' उर्फ़ 'पुत्तन खान' है। उनकी पैदाइश 4 जनवरी 1952 को क़स्बा बिसौली,ज़िला बदायूं (उ.प्र.) में हुई। उर्दू अदब में वो "फ़हमी बदायूंनी" के नाम से मशहूर हैं.
'फ़हमी' साहब की शायरी में जदीदियत संजीदा फ़िक्र-ओ-ख़्याल और नए नए ज़ाविये देखने को मिलते हैं। नयी तर्ज़ में गुफ़्तगू करते हुए उनके अशआर सीधे दिल में ऐसे उतरते हैं कि पढ़ने वाला तारीफ़ किये बग़ैर नहीं रह सकता। उनमें दर्द भी है, तड़प भी है और तलब भी है। उन्होंने जो भी ख़्याल शायरी के हवाले से पेश किए हैं वो सच्चे नज़र आते हैं। वो बज़्म-ए-अदब बदायूं के मौजूदा वाइस प्रेसिडेंट भी हैं।