नई दिल्ली, 20 जून। स्तन कैंसर वाली रजोनिवृत्त महिलाओं (Menopausal women with breast cancer) में हृदय रोग (heart disease) का अधिक खतरा होता है। एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इस बात का पता लगाया है। वर्जीनिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर जोआन पिंकर्टन (Professor Joan Pinkerton at the University of Virginia) के मुताबिक,
"कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और एरोमाटेज इनहिबिटर्स के उपयोग (जो एस्ट्रोजन को कम करते हैं) की वजह से स्तन कैंसर के लिए उपचारित महिलाओं में दिल की बीमारी अधिक देखी जाती है।"
हृदय जोखिम विकिरण के संपर्क में आने के पांच साल बाद यह रोग हो सकता है और इसका जोखिम 30 साल तक बना रहता है।
पिंकर्टन के मुताबिक,
"हृदय-स्वस्थ जीवन शैली में संशोधन से आवर्ती स्तन कैंसर और हृदय रोग के विकास के जोखिम दोनों में कमी आएगी।"
स्तन कैंसर से बची हुई महिलाओं और जिन महिलाओं को स्तन कैंसर है, उन रजोनिवृत्ति महिलाओं में हृदय रोग के लिए जोखिम कारकों की तुलना और मूल्यांकन करना अध्ययन का लक्ष्य था।
शोधकर्ताओं ने पाया कि पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाएं, जो स्तन कैंसर से बची रहती हैं, उनमें मेटाबॉलिक सिंड्रोम, डायबिटीज़, एथेरोस्क्लेरोसिस, हाइपरट्रिग्लिसराइडिया और पेट के मोटापे के साथ एक स्पष्ट रूप से मजबूत संबंध है, जो हृदय रोग के प्रमुख जोखिम कारक हैं। हृदय रोग से मृत्यु दर (cardiovascular mortality) का जोखिम इसी तरह कैंसर से मृत्यु दर (death rates from the cancer) से मेल खाता है।
प्रोफेसर जोआन पिंकर्टन के मुताबिक जिन महिलाओं में स्तन कैंसर का निदान किया जाता है उन्हें इसके इलाज के साथ व बाद में कार्डियोलॉजी परामर्श का समय अवश्य निर्धारित करना चाहिए।
शोध के परिणाम The North American Menopause Society की पत्रिका में प्रकाशित लेख “High risk for cardiovascular
Breast cancer raises heart disease risk