संदीपन तालुकदार
नवीनतम कोरोना वायरस (novel coronavirus, 2019-nCoV) की महामारी को लेकर वैश्विक दहशत की शुरुआत जो चीन से शुरू हुई थी और अब कई देशों में फ़ैल चुकी है, उसने वैज्ञानिक समुदाय को भी इस वायरस के बारे में शोध कार्य में व्यस्त कर दिया है।
इस संबंध में आरंभ में किये गए प्रयोगों में वैज्ञानिकों द्वारा जिन निष्कर्षों पर पहुँचा गया था, उसमें यह पाया गया कि अपने उष्माय (इन्क्यूबेशन) काल के दौरान भी कोरोनो वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने की क्षमता रखता है। यह वह समय होता है जब वायरस मानव शरीर में प्रवेश कर चुका होता है, और तब तक जाहिर नहीं होता जब तक कि उसके लक्षण दिखाई नहीं देते।
लेकिन अब ऐसा लगता है कि यह जानकारी ग़लत थी। जर्मन सरकार की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी, द रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट (आरकेआई-RKI)- The Robert Koch Institute (RKI), the German Government’s public health agency ने इस बारे में एनईजेएम को इस बाबत पत्र लिखा है।
एनईजेएम के जनवरी के पेपर में, जिसमें स्पर्शोन्मुख संकुचन की रिपोर्टिंग की गई थी, वह संक्रमण के एक झुण्ड पर आधारित थी, जो प्रकाश में तब आई जब एक शंघाई वासी महिला अपने व्यापारिक सहयोगियों से बैठक के सिलसिले में जर्मनी के म्यूनिख में आई थी। यह 20 से 21 जनवरी के बीच की बात है। इसके कुछ समय बाद ही जर्मनी में उन चार लोगों में से पहले व्यक्ति
एनईजेएम के पेपर के अनुसार बैठक के दौरान शंघाई महिला में बीमारी के लक्षण नजर नहीं आये थे। इस शोध के लेखकों ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है –
“अपने इस प्रवास के दौरान, वह पूरी तरह से स्वस्थ्य थी और संक्रमण के कोई लक्षण नजर नहीं दिखे थे, लेकिन अपनी चीन वापसी की उड़ान के दौरान वह बीमार पड़ गई थी। तथ्य यह है कि स्पर्शोन्मुख व्यक्ति 2019-nCoV संक्रमण के संभावित स्रोत हैं, और हाल में जो प्रकोप फैला है उसके आगे फैलने की गतिशीलता के पुनर्मूल्यांकन की आवश्यकता को दर्शाते हैं। "
साइंस ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि - जब बवेरिया राज्य के आरकेआई और स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण ने उस महिला से फोन पर बात की थी तो उसने उन्हें अपने जर्मन प्रवास के दौरान रोग के लक्षणों के नजर आने की पुष्टि की है। जिन लोगों को इस पूछताछ के बारे में मालूमात हासिल हैं, उनके अनुसार उसे थकान महसूस हो रही थी, मांसपेशियों में दर्द था और उसने उस दौरान बुखार कम करने वाली दवा पैरासिटामोल का सेवन किया था।
बर्लिन में चैरिटे यूनिवर्सिटी अस्पताल के क्रिश्चियन ड्रोस्टन ने जो इस अध्ययन के सिलसले में प्रयोगशाला के कार्य में शामिल थे, की ओर से बताया गया है कि,
"मुझे यह सब सोच कर खराब लगता है कि यह सब किस प्रकार से हो गया, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यहाँ पर किसी की भी कोई गलती थी। जाहिरा तौर पर सबसे पहले तो यह होना था कि वह महिला यहाँ तक न पहुँचने पाती, और दूसरा यह कि इसके बारे में सूचना लोगों के पास जल्द से जल्द पहुँचाई जानी चाहिए थी।”
मार्क लिपसित्च जो कि हार्वर्ड टी. एच. स्कूल ऑफ़ पब्लिक हेल्थ में महामारी विशेषज्ञ हैं, आपका विचार है कि
"किसी मामले को आप स्पर्शोन्मुख कहें और उस इन्सान से बात तक न करें तो यह एक समस्याग्रस्त मसला है। अगर हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो ऐसा लगता है कि यह एक बुरा विकल्प था। हालाँकि कई बार आपातकालीन परिस्थिति में, सभी लोगों से बात कर ही ली जायेगी, ऐसा कर पाना संभव नहीं होता। मैं यह मान कर चल रहा हूं कि यह एक अतिउत्साहित लोगों का समूह था, जो कि सच्चाई को जल्द से जल्द बाहर निकाल लेने और अपने सबसे बेहतर विचार को लोगों के सामने रखने की जल्दबाजी में था, ना कि किसी प्रकार की लापरवाही की कोशिश में लगा था।”
ऐसा प्रतीत होता है कि एनईजेएम के द्वारा पेश की गई जानकारी गलत हो गई है, लेकिन इसके बावजूद एक वर्ग ऐसा है जो मानता है कि स्पर्शोन्मुख संकुचन संभव है और यह 2019-nCoV के साथ होना संभव है।
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज के निदेशक एंथनी फौसी ने इस लाइन पर अपनी राय दी है।
“आज शाम को मैंने चीन में अपने एक सहकर्मी को फोन किया था जो एक बेहद सम्मानित संक्रामक रोग वैज्ञानिक और स्वास्थ्य अधिकारी हैं। उन्होंने बताया है कि उन्हें इस बात का पूरा यकीन है कि यह स्पर्शोन्मुख संक्रमण वाला रोग है और कुछ स्पर्शोन्मुख लोग हैं जिनसे यह संक्रमण आगे फ़ैल रहा है।"
लेकिन संक्रमण के जर्मन क्लस्टर के बारे में जो सबसे दिलचस्प बात सामने निकल कर आई है वह यह है कि नवीनतम कोरोनावायरस के हमले के बाद उसकी प्रकृति बेहद कमजोर किस्म की है। जर्मनी में जो सभी चार मामले सामने आये थे, उन सभी में बेहद मामूली स्तर का संक्रमण देखने को मिला था, जो कई अन्य रोगियों के बारे में भी सटीक हो सकता है। वास्तव में यह वायरस को फैलाने में मदद करता है।
क्रिश्चियन ड्रॉस्टन इसे अपने शब्दों में बताते हैं कि कैसे-
“पहले से ही यह विचार में आ रहा है कि जो रोगी हैं उन्हें हल्के ठंडे लक्षणों का अनुभव हो रहा हो, जबकि पहले से वे इसके वायरस छोड़ रहे हैं। लेकिन वे ऐसे लक्षण नहीं हैं जो लोगों को अपने घरों में ही दुबके रहने के लिए प्रेरित करें। ”
अंग्रेजी में लिखा मूल आलेख आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।
Can Novel Coronavirus Really Spread During Incubation Period?
(न्यूज क्लिक के सौजन्य से)