लखनऊ, 27 अप्रैल 2020। कांग्रेस पार्टी ने मुजफ्फरनगर के खालापार टंकी चौक पर महिला पुलिस द्वारा बुर्कानशीं मुस्लिम महिला की डंडों से पिटाई (Burka wearing Muslim woman beaten with baton by woman police) के मामले को शर्मनाक बताते हुए दोषी पुलिसकर्मी को तत्काल निलंबित करने की मांग की है।
कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने दो दिन पूर्व की इस घटना जो सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल हुई है, पर टिप्पणी करते हुए कहा कि योगी सरकार में पुलिस का साम्प्रदायिकीकरण कोरोना से भी ज़्यादा ख़तरनाक रूप ले चुका है।
उन्होंने न्यायपालिका से ऐसे मसलों पर स्वतः संज्ञान लेने की अपील करते हुए कहा कि पुलिस के बढ़ते साम्प्रदायिक रवैये पर न्यायपालिका को सक्रियता दिखानी चाहिए। क्योंकि ऐसी घटनाओं पर पुलिस विभाग के उच्च अधिकारी कोई ठोस विभागीय कार्यवाई करने के बजाए सिर्फ खानापूर्ति कर के मुख्यमंत्री की मुस्लिम विरोधी कुंठा को संतुष्ट कर उनके गुड बुक में शामिल होना चाहते हैं, जिसके चलते खुद पुलिस ही सामाजिक सद्भाव के लिए खतरा हो गई है।
शाहनवाज़ आलम ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बिना लिखित आदेश दिए ही ज़िलों के आला अधिकारियों से मस्जिदों से अज़ान न होने देने का मौखिक फरमान जारी कर रहे हैं, जिसके तहत पुलिस गांव में जाकर लोगों को अज़ान न देने की चेतावनी दे रही है और जब लोग शासनादेश की कॉपी मांग रहे हैं तो उन्हें पीटने की धमकी दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ग़ाज़ीपुर, मिर्ज़ापुर, इटावा समेत कई जगहों से ऐसी शिकायतें आ रही
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