Hastakshep.com-देश-Aedes aegypti-aedes-aegypti-Aedes albopictus-aedes-albopictus-World Mosquito Day-world-mosquito-day-एडीज एजिप्टी-eddiij-ejipttii-एडीस एल्बोपिक्टस-eddiis-elbopiktts-जलवायु परिवर्तन-jlvaayu-privrtn-मच्छर-mcchr

Climate Change Will Expose Half of World’s Population to Disease-Spreading Mosquitoes By 2050

नई दिल्ली, 20 अगस्त 2019। इस वर्ष की शुरुआत में जारी ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2050 तक जलवायु परिवर्तन की वजह से विश्व की लगभग आधी आबादी मच्छरजनित रोगों की चपेट में आ जाएगी। रिपोर्ट यह भी बताती है कि जलवायु परिवर्तन केवल मच्छरों की समस्या को और बदतर बनाने वाला है। मच्छरों की रोग फैलाने वाली दो प्रमुख प्रजातियां  - एडीज एजिप्टी (Aedes aegypti) और एडीस एल्बोपिक्टस (Aedes albopictus) - इस सदी के मध्य तक काफी विस्तार करने के लिए तैयार है।

बोस्टन के चिल्ड्रन हॉस्पिटल और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के संक्रामक वैज्ञानिक व जर्नल नेचर माइक्रोबायोलॉजी में प्रकाशित नए शोध के सह-लेखक, मोरिट्ज क्रैमर ने कहा,

"अगर जलवायु के गर्म होने की मौजूदा दर को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाता है, तो जिस तरह से जलवायु गर्म हो रही है, कई शहरों में संक्रमण की आशंका वाले शहरी क्षेत्रों में इजाफा होगा।"

शोधकर्ताओं ने यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में 3,000 से अधिक स्थानों से 1970 के दशक से प्राप्त ऐतिहासिक वितरण डेटा का विश्लेषण किया। उन्होंने तब जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण और मानव प्रवास और यात्रा के लिए अनुमानों का उपयोग करके भविष्य के वितरण का मॉडल तैयार किया। क्रैमर और उनके सहयोगियों ने पाया कि पिछले पांच वर्षों में, एडीस एजिप्टी अमेरिका में प्रति वर्ष लगभग 150 मील की दूरी पर उत्तर की ओर फैल गया है। यूरोप में, एडीस अल्बोपिक्टस (Aedes albopictus) प्रति वर्ष 93 मील की दर से फैल गया है।

वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि आगामी पांच से पंद्रह वर्षों के भीतर, मानव पर्यटन और प्रवास मच्छरों के प्रसार के सबसे बड़े कारक होंगे। उसके बाद, हालांकि, जलवायु परिवर्तन और शहरीकरण में तेजी से मच्छरों के नए ठिकाने बनेंगे।

आज 20 अगस्त को पूरी दुनिया में

विश्व मच्छर दिवस (World Mosquito Day) मनाया जा रहा है। यह ब्रिटिश डॉक्टर सर रोनाल्ड रॉस की 1897 में की गई एक खोज कि मादा मच्छर मनुष्यों के बीच मलेरिया का संचार करती है, की याद में मनाया जाता है।