रायपुर, 24 मार्च 2020 : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने पूरे देश मे लॉक डाउन के चलते आजीविका पर पड़ रहे प्रभावों के मद्देनजर, राज्य सरकार द्वारा दो माह का अग्रिम राशन वितरित करने की घोषणा को, नितांत अपर्याप्त बताया है और मांग की है कि यह राशन मुफ्त में वितरित किया जाए।
आज यहां जारी एक बयान में माकपा राज्य सचिवमंडल ने कहा है कि प्रदेश की 80% अर्थव्यवस्था अनौपचारिक क्षेत्र से जुड़ी है, अधिकांश जनता के पास आय का कोई नियमित स्रोत नहीं है और उसकी स्थिति रोज कमाने-खाने वाले की है। एनएसएसओ के अनुसार पिछले पांच सालों में बड़े पैमाने पर प्रदेश में गरीबी भी बढ़ी है। ऐसी स्थिति में, जब प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप्प हो, इस तबके के पास राज्य सरकार द्वारा घोषित इस 'उपहार' को भी खरीदने की आर्थिक क्षमता नहीं बची है।
माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि कोरोना हमले से निपटने के लिए, जो कि सामुदायिक संक्रमण के चरण में पहुंचने वाला है और प्रदेश में ही 600 लोग होम आइसोलेशन में पड़े हैं, सोशल डिस्टेंसिंग के उपायों पर कड़ाई से अमल के साथ ही इस महामारी से लड़ने के लिए आम जनता के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बनाकर रखा जाना जरूरी है। इसके लिए सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराना ही कारगर उपाय होगा।
माकपा नेता पराते ने कहा कि दो माह का अग्रिम राशन मुफ्त में बांटने के लिए केवल 400-500 करोड़ रुपयों की जरूरत पड़ेगी। राज्य सरकार के हाथ में इस समय खाद्यान्न का