नई दिल्ली, 19 जनवरी (इंडिया साइंस वायर): देशभर में कोविड-19 का टीकाकरण अभियान (Vaccination of COVID-19) शुरू हो गया है। लेकिन, दुनिया के इस सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की निगरानी और मूल्यांकन का काम भी अपने आप में बेहद चुनौतीपूर्ण है। टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया को सुचारू रखने के लिए हाल ही में Co-WIN (कोविड-19 वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क- COVID-19 Vaccine Intelligence Network) नामक एक वेब पोर्टल शुरू किया गया है। को-विन को मौजूदा इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (eVIN) मॉड्यूल के विस्तार के रूप में विकसित किया गया है। इसका उपयोग भारत में कोविड-19 टीकाकरण की योजना, कार्यान्वयन, निगरानी और मूल्यांकन के लिए एक व्यापक क्लाउड-आधारित आईटी समाधान के रूप में किया जाएगा।
इसमें राष्ट्रीय स्तर से लेकर टीकाकरण के स्तर तक की संपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की उपयोगिताएँ शामिल हैं। यह प्रणाली यूजर्स (एडमिन, पर्यवेक्षक, वैक्सीनेटर) के निर्माण, लाभार्थियों के पंजीकरण (विस्तृत अपलोड व व्यक्तिगत पंजीकरण), सुविधाओं / नियोजन इकाई और सत्र-साइटों की योजना के साथ-साथ सत्रों की समय-सारिणी और टीकाकरण प्रक्रिया के कार्यान्वयन में उपयोगी होगी। वास्तविक
को-विन प्रणाली में www.cowin.gov.in वेबसाइट प्रमुखता से शामिल है, जिसका उपयोग राष्ट्रीय, राज्य एवं जिला स्तरीय प्रशासन द्वारा किया जाएगा। इस वेबसाइट की प्रमुख विशेषताओं में राज्य एवं जिला स्तरीय एडमिन का निर्माण, सुविधा/नियोजन इकाई डेटाबेस का निर्माण, वैक्सीनेटर एवं पर्यवेक्षक डेटाबेस का निर्माण, कोविड-19 टीकाकरण से संबंधित सामग्री का प्रबंधन तथा आवंटन, टीकाकरण सत्र साइटों का निर्धारण, लाभार्थियों के पंजीकरण के लिए व्यापक डेटा अपलोड, जनसामान्य द्वारा स्व-पंजीकरण और निगरानी शामिल है। को-विन ऐप लाभार्थियों के पंजीकरण में सुविधा केंद्र/नियोजन स्तर के उपयोगकर्ताओं की मदद करेगा। यह लाभार्थियों के प्रमाणीकरण / सत्यापन और सत्र के संचालन के समय सफल टीकाकरण को रिकॉर्ड करने में भी मदद करेगा। को-विन ऐप जल्दी ही प्ले स्टोर पर उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध होगा।
“को-विन ऐप का स्व-पंजीकरण मॉड्यूल शीघ्र जारी किया जाएगा। टीकाकरण प्रक्रिया में शामिल होने के लिए इस ऐप के माध्यम से पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।” उन्होंने कहा है कि लाभार्थियों को क्यू-आर कोड आधारित टीकाकरण प्रमाण पत्र को-विन ऐप पर पंजीकरण के बाद ही मिल सकेगा।
(इंडिया साइंस वायर)