लखनऊ, 5 फरवरी। भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने आजमगढ़ जिले के बिलरियागंज में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ महिलाओं की भागीदारी में चल रहे शांतिपूर्ण धरने पर पुलिस बर्बरता की कड़ी निंदा की है। पार्टी ने इसकी जांच कर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और गिरफ्तार आंदोलनकारियों की बिना शर्त अविलंब रिहाई की मांग की है।
पार्टी राज्य सचिव सुधाकर यादव ने बुधवार को यहां जारी बयान में कहा कि मंगलवार को बिलरियागंज के मौलाना जौहर अली पार्क में कुछ महिलाएं नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ़ धरने पर बैठ कर लोकतांत्रिक तरीक़े से अपना विरोध दर्ज करा रही थीं। शांतिपूर्ण धरना चल रहा था। बीती आधी रात में तीन बस में पुलिस आयी और पूरे पार्क को घेरकर वहां मौजूद लोगों को खदेड़ने लगी।
पुलिस द्वारा पार्क में मौजूद महिलाओं को भी वहां से जाने को कहा गया, जिस पर महिलाएं संविधान और लोकतंत्र का हवाला देकर धरना जारी रखने की अपनी दावेदारी जताने लगीं। इसके बाद ही पुलिस बर्बरता पर उतारू हो गई। लाठी चार्ज, रबर की गोलियां, वाटर कैनन से लेकर आंसू गैस तक का अंधाधुंध इस्तेमाल किया।
पुलिस की बर्बरता यहीं नहीं रुकी, बल्कि जिस पार्क में महिलाएं बैठी थीं, वहां पानी भर दिया। घरों में घुस-घुसकर जो मिला उसको पकड़ ले गयी। जिनको पकड़ ले गयी उनके मोबाइल तक स्विच ऑफ करवा दिया, ताकि परिजनों से उनका संपर्क नहीं हो सके। इसके चलते जिले में भय का माहौल व्याप्त हो गया है। माले नेता ने कहा कि यह योगी सरकार की निहायत