लखनऊ- 4 नवंबर 2021, केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमतों में की गयी मामूली कमी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मंडल ने कहा है कि ये कमी तोहफा नहीं धोखा है, और सरकार को इन जिंसों पर 2020 से लेकर अब तक की गयी सारी बढ़ोत्तरी को वापस लेना चाहिए। साथ ही इन लगभग दो वर्षों में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों को बढ़ा कर जनता की जेब से निकाले गये धन को ब्याज सहित लौटाना चाहिये।
भाकपा ने सवाल किया कि यदि सरकार जनता को दीवाली का तोहफा ही देना चाहती थी तो उसे कम से कम एक हफ्ते पहले देना चाहिए था, जैसे कि सरकारी कर्मियों को महंगाई भत्ता दिया गया है। औसतन आदमी जब त्यौहार से संबंधित 90 प्रतिशत खरीददारी कर चुका है तब यह कथित तोहफा बेमानी है।
सच तो यह है कि उपचुनावों में भाजपा की हुयी करारी हार, विपक्ष खासकर वामपंथ के महंगाई विरोधी अभियानों, ट्रांसपोर्टर्स, वाहन उद्योग और बाजार के दबावों, जनता की भारी नाराजगी तथा उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में होने वाले विधान सभा चुनावों में हार के भय से भाजपा सरकार ने ये दिखावा किया है। पर जनता सब समझती है और वह लुटेरों को समझाना भी जानती है।
भाकपा ने गत वर्षों में की गयी समूची बढ़ोत्तरियों को वापस लेने और एरियर्स के भुगतान की मांग के साथ-साथ टोल टैक्स वसूली और
टोल टैक्स के औचित्य पर सवाल उठाते हुए भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि वाहन खरीद पर अधिकतम जीएसटी बसूली जाती है। वाहन रजिस्ट्रेशन के नाम पर भारी रोड टैक्स और बीमा राशि बसूली जाती है, डीजल पेट्रोल पर अतिरिक्त कर( सेस ), एक्साइज एवं वैट बसूले जाते हैं। फिर इसी धन से बनने वाली सड़कों पर टोल टैक्स वसूलना जनता की लूट है और उसके साथ बड़ा धोखा है।
उन्होंने बताया कि एक्सप्रेसवे पर जरा स्पीड बढ़ने पर रुपये 2 हजार की पैनल्टी ठोक दी जाती है। सड़क पर चलना और माल ढुलाई आज बहुत कठिन हो गया है और ये बढ़ती महंगाई का सबसे बड़ा कारण है। जनता के साथ ये अपराध वह सरकार कर रही है जो आसमान से नहीं टपकी जनता के वोटों से चुनी गयी है।
अब वक्त आगया है इस सारी लूट के खिलाफ चहुँतरफ़ा आवाज उठे और सरकार को अपने कदम वापस खींचने के लिए बाध्य किया जाये, भाकपा ने कहा है।