नई दिल्ली 13 जुलाई। लौंगन (Euphoria longan), जिसका वानस्पतिक नाम: Longan Arillus है, एक अद्भुत और स्वादिष्ट टॉनिक फल है जिसका उपयोग चीनी लोग एक रक्त टॉनिक के रूप में एनर्जी बढ़ाने, मन को शांत करने, प्लीहा को मजबूत करने, दिल की ऊर्जा को संशोधित करने और त्वचा की सुंदरता के लिए करते हैं। लौंगन को चीनी भाषा में "ड्रैगन आई" भी कहा जाता है। चीनी लोगों के बीच यह माना जाता है कि लोंगन न केवल त्वचा के लिए बहुत अच्छा है, बल्कि एक शानदार सेक्स टॉनिक भी है, खासकर महिलाओं के लिए।
अब भारतीय वैज्ञानिकों ने देश में पहली बार लीची जैसे स्वादिष्ट विदेशी फल लौंगन की एक आधुनिक किस्म का भारत में ही विकास कर लिया है जो न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है बल्कि कैंसर रोधी के साथ-साथ विटामिन सी और प्रोटीन से भरपूर भी है।
राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र मुज़फ़्फ़रपुर के वैज्ञानिकों ने लगभग एक दशक के अनुसंधान के बाद लौंगन की गंडकी उदय किस्म का विकास किया है। लीची परिवार का यह फल चीन, मलेशिया, थाईलैंड आदि में पाया जाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लीची के मौसम (Lychee season) के बाद लोग लौंगन के फल का मजा ले सकेंगे।
लौंगन का फल रसीला होता है और इसका स्वाद लीची से मिलता जुलता है। इसका फल अगस्त में पक कर तैयार हो जाता है जबकि लीची की फसल इससे पहले समाप्त हो जाती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक लौंगन का फल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने
लौंगन का पेड़ लीची की तरह का होता है और यह लगाने के दो साल बाद ही फलने लगता है। इसके एक वयस्क पेड़ में डेढ़ से दो क्विंटल तक फल लगते हैं। इसका फल लीची से भी मीठा होता है। इसकी मिठास 22 से 25 डिग्री टीएसएस होती है। इसका फल गुच्छों में फैलता है। इसके एक फल का वजन 10 से 14 ग्राम तक होता है। केन्द्र में इसके 17 ग्राम तक के फल लिए गए हैं।
लौंगन के फल का 65 प्रतिशत हिस्सा खाने योग्य होता है। शेष हिस्सा छिलका और बीज का होता है। पकने पर इसके छिलके का रंग भूरा होता है जिसे पीला बनाने का प्रयास चल रहा है।
बिहार की जमीन और वहां की जलवायु लौंगन की खेती के अनुकूल है। इसके फल की लीची के समान या उससे भी अधिक कीमत मिलने की संभावना है। इसके कई अन्य किस्मों को विकसित करने के प्रयास चल रहे हैं।