नई दिल्ली, 5 अगस्त 2020,डायमंड बुक्स ने पेयजल और स्वच्छता विभाग के सचिव परमेश्वरन अय्यर की पुस्तक “स्वच्छ भारत रेवोलुशन” का हिंदी अनुवाद को प्रकाशित किया और उसे ‘स्वच्छ भारत क्रांति‘ के रूप में लांच किया गया। इस पुस्तक को आधिकारिक रूप से केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत एवं केंद्रीय कपड़ा एवं महिला तथा बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति इरानी द्वारा आज नई दिल्ली में विमोचन किया गया। इसके बाद पुस्तक और स्वच्छ भारत मिशन पर दोनों मंत्रियों एवं श्री परमेश्वरन अय्यर द्वारा एक चर्चा हुई। इस चर्चा को वेबकास्टिंग के जरिये एसबीएम के लाखों प्रक्षेत्र पदाधिकारियों द्वारा देखा गया।
स्वच्छ भारत क्रांति पुस्तक एसबीएम के विविध प्रकार के हितधारकों एवं योगदानदाताओं द्वारा 35 निबंधों के जरिये एसबीएम की उल्लेखनीय यात्रा दर्शाती है जिन्होंने इस सामाजिक आंदोलन पर अपना परिप्रेक्ष्य साझा किया।
निबंधों को चार प्रमुख वर्गों में व्यवस्थित किया गया है जो एसबीएम की सफलता के चार प्रमुख स्तंभ हैं: राजनीतिक नेतृत्व, सार्वजनिक वित्तपोषण, साझीदारियां एवं जनभागीदारी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रस्तावना के साथ, यह अरुण जेटली, अमिताभ कांत, रतन टाटा, सदगुरु, अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, तवलीन सिंह, बिल गेट्स एवं अन्य लोगों द्वारा लिखे गए निबंधों का एक संकलन है।
पुस्तक के लेखक परमेश्वरन अय्यर, पेयजल और स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय में सचिव हैं। अपनी वर्तमान नियुक्ति से पहले, श्री अय्यर ने वाशिंगटन डीसी में स्थित विश्व बैंक में प्रबंधक के रूप में कार्य किया। उन्हें पानी की आपूर्ति और स्वच्छता शेत्र में 20 वर्ष से अधिक समय का अनुभव है और उन्होंने पूर्व में वियतनाम, चीन, मिस्र
इस संदर्भ पर बोलते हुए डायमंड बुक्स के चेयरमैन नरेन्द्र कुमार वर्मा ने कहा, स्वच्छ भारत मिशन वह आन्दोलन है जिसका हम शुरू से ही अनुगमन एवं समर्थन करते हैं। हमने पूर्व में ही इसके विषय पर 4 कॉमिक्स प्रकाशित किये जो कि हाथों हाथ बिक गये और काफी प्रशंसा मिली। यह पुस्तक इस पूरे आन्दोलन के उतार चढ़ाव बयान करती है और इसे व्यापक रूप से साझा करने की ज़रूरत है। इसे हिंदी भाषा में उपलब्ध करने का उद्देश्य यही है कि अधिक से अधिक लोग इस मिशन के विषय में काफी कुछ सीखें और जानकारी प्राप्त करें।
इस अवसर पर बोलते हुए, गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि किस प्रकार भारत स्वच्छता के मामले में विश्व के अग्रणी देशों में से एक बन गया और कई देश अब भारत से अनुभव सीख रहे हैं कि कैसे 50 करोड़ लोगों ने केवल पांच वर्षों में ही शौचालयों का उपयोग करना आरंभ कर दिया और खुले में शौच करना बंद कर दिया।
उन्होंने कहा कि वह प्रसन्न हैं कि स्वच्छ भारत क्रांति के जरिये इस यात्रा को भारत के केंद्रीय स्थल के लाखों पाठकों द्वारा साझा किया जा सकेगा।
श्रीमती स्मृति इरानी ने कहा कि वह महिलाओं द्वारा स्वच्छ भारत मिशन को वास्तव में एक जन आंदोलन बनाने में निभाई गई भूमिका को लेकर गौरवान्वित महसूस करती हैं।
उन्होंने कहा कि एसबीएम नारी शक्ति का एक सच्चा उदाहरण है और वह महिलाएं यह सुनिश्चित करने के लिए कि जो लाभ अभी तक हासिल किया गया है, उसे एसबीएम के अगले चरण तक ले जाने में अग्रणी भूमिका निभाती रहेंगी और यह भी कि कोई भी भविष्य में खुले में शौच का सहारा न ले। दोनों मंत्रियों ने इसके बाद वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये स्वच्छग्राहियों, प्रक्षेत्र पदाधिकारियों एवं राज्य सरकार के अधिकारियों के प्रश्नों के उत्तर दिए।
यह जानकारी डायमंड बुक्स की एक विज्ञप्ति में दी गई है।