उत्तराखण्ड में बहुत तेज़ी से कोरोना फैल रहा है। दिल्ली और दूसरे प्रभावित इलाकों से आ रहे लोगों की जांच की सिर्फ खानापूरी हो रही है।
संस्थागत संगरोध (Institutional quarantine) के बजाय उन्हें घर भेजा जा रहा है होम क्वारंटाइन (Home quarantine) के नाम। ऐसे लोग घर में हैं और उनके परिजन परिचित खुल्ला घूम रहे हैं। जिनपर नियंत्रण न प्रधान कर सकता है न गांव। इनकी जांच,निगरानी की कोई व्यवस्था न करके सरकार ने गांवों में कोरोना महाविस्फोट का पक्का इंतजाम कर दिया है।
रोज़ी रोटी गई और अब जान भी जाएगी।
मास्क नहीं पहना ! दीजिए पांच हजार ! जनता को लूट कर ही खजाना भरोगे क्या सरकार !
पलाश विश्वास