गाजियाबाद, 08 फरवरी 2020. कोविड-19 के टीकाकरण (Vaccination of COVID-19) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा किए गए सीरो सर्वे मे आए हर्ड इम्यूनिटी के नतीजों की खबर को कोविड-19 से मुक्ति या कोरोनावायरस की समाप्ति ना मान लें।
सीरो सर्वे में जारी आंकड़ों (सीरो सर्वे में जारी आंकड़ों) के अनुसार दिल्ली में करीब 56% लोगों को हर्ड इम्यूनिटी डेवलप हो चुकी है वहीं अगर राष्ट्रीय स्तर पर जारी किए गए आंकड़ों को देखें तो वह मात्र 21% ही है।
यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के वरिष्ठ श्वांस रोग, फेफड़ा रोग एवं कोरोना रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अर्जुन खन्ना बताते हैं कि जिन लोगों के शरीर में एंटीबॉडी बन गई है वह भी 3 महीने से 7 महीने तक ही हमारे शरीर में रहती है और उसके बाद नष्ट हो जाती है, और एंटीबॉडी होने का यह कतई मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि उस व्यक्ति को कोरोनावायरस का संक्रमण नहीं हो सकता। विश्व के कई देशों में हमने ऐसी गलतियों का खामियाजा देखा है जहां लोग बिल्कुल ही रिलैक्स हो गए और मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन नहीं किया।
डॉ खन्ना ने कहा हमें यह समझने की गलती बिल्कुल नहीं करनी चाहिए कि कोरोनावायरस हमारी जिंदगी से चला गया है और विशेषता इस पूरे साल 2021 में हमें तीन बातों का जरूर ही पालन करना चाहिए जिसमें पहला है मास्क
सबसे जरूरी है हाथ को बार-बार साबुन एवं पानी या सेनेटाइजर से धोना और बार-बार छुई जाने वाली सतहों को रोज़ साफ़ करना, हो सकें तो ग्लव्स पहनें, अपनी कोहनी से दरवाजे खोलने की कोशिश, ट्रेनों के ज़रिए आवाजाही करने वाले लोग इसके हैंडल को पकड़ने से बचें, ऑफ़िस कर्मचारी हर सुबह अपनी डेस्क डिसइंफेक्टेंट से साफ़ करें, साफ़-सफ़ाई पर ज़ोर बढ़ाएं, हेल्थकेयर वर्कर्स जो कोरोना के मरीजों के आस पास रहते हों, प्रोटेक्टिव कपड़े पहनें, मॉल, बिल्डिंगों ,पार्कों और सड़कों पर डिसइन्फेक्टेंट्स (इनफ़ेक्शन को रोकने वाली दवाइयों) का छिड़काव, एटीएम मशीनों के की-पैड्स को भी साफ़ करें, मास्क लगा कर रखें, हाथ से चेहरा छूना, वायरस वाली किसी सतह या वस्तु को छूने के बाद अपने चेहरे को छूना बिल्कुल बंद कर दें।