कैंसर होने पर मुंह में छाले होना सामान्य है क्योंकि कैंसर होने के बाद इम्यून सिस्टम (Immune system) कमजोर हो जाता है। इसलिए सामान्य दिखने वाले छालों को कभी भी नजरअंदाज न करें।
मुंह के कैंसर में अधिकतर लोगों के मुंह में छाले आते हैं, जो लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं उन्हें मुंह का कैंसर होने का ज्यादा खतरा रहता है। इसके अलावा मुंह व दांतों की सही रूप से सफाई न होने से भी मुंह का कैंसर होने का संभावना बढ़ सकती है। मुंह के कैंसर होने पर अक्सर होंठों व गाल में छाले हो जाते हैं। इसके अलावा कई बार मुंह या जीभ का घाव भी कैंसर बन सकती है। जीभ पर लंबे समय तक मुंह में होने वाले घाव जीभ के कैंसर में तब्दील हो जाता है।
मुंह के छालों के बारे में लापरवाही बरतने पर यह ओरल व टंग कैंसर का कारण हो सकता है।
मुंह में छाले और अल्सर (Sore Ulcers And Ulcers) कई प्रकार के कैंसर का कारण हो सकता है। यदि ध्यान नहीं दिया गया तो ये ओरल कैंसर (Oral cancer) का रूप भी धारण कर सकते हैं। हमारे देश में एक तिहाई कैंसर के रोगी मुंह और गला कैंसर के ही होते है। प्रतिवर्ष हमारे देश में 3 लाख लोगों को ओरल कैंसर होता है (Every year 3 lakh people in our country have oral cancer.)।
किन कारणों से होता है कैंसर - What causes cancer
तम्बाकू या उससे बनी चीजें खाना। बीड़ी, सिगरेट या गांजा आदि पीना। जर्दा, पान मसाला, सुपाड़ी, गुटखा का अधिक सेवन करना। शराब या किसी अन्य नशे का ज्यादा सेवन करना। मुंह एवं दांत की ठीक तरह से सफाई नहीं करना।
इसका पहला लक्षण मुंह के भीतर सफेद छाले होने या घाव होना माना जाता है। जब मुंह के भीतर सफेद धब्बा, घाव, छाला अधिक होता है या लम्बे समय तक रहता है, तब आगे चलकर यह मुंह का कैंसर बन जाता है। धूम्रपान या नशा करने वाले (Smokers or addicts) को कैंसर होने का खतरा ज्यादा रहता है। मुंह का कैंसर मुंह के भीतर जीभ, मसूड़े, होंट कहीं भी हो सकता है। इसमें घाव, सूजन, लाल रंग, खून निकलने, जलन, सन्नता, मुंह में दर्द आदि जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। मुँह में दुर्गन्ध (Mouth Deodorant), आवाज बदलना, आवाज बैठ जाना, कुछ निगलने में तकलीफ होना, लार का अधिक या रक्त मिश्रित बहना जैसे लक्षण भी दिखते हैं।
यदि मुंह, होंठों या जीभ पर किसी तरह का घाव या छाला बन जाए और शीघ्र ठीक नहीं हो रहा हो तो तुरन्त चिकित्सक को दिखाना चाहिए। यदि मुंह में होने वाले कैंसर का पता प्रथम चरण में ही चल जाए तो इसका निदान संभव है। इसमें देरी करने पर इसकी भयावहता बढ़ जाती है।
धूम्रपान एवं नशे का सेवन ना करें। दांतों और मुंह की नियमित दो बार अच्छी तरह सफाई करें। दांतों मसूड़ों व मुंह के भीतर कोई भी बदलाव नजर आए तो तत्काल डॉक्टर से जांच करायें।
( नोट - यह समाचार किसी भी हालत में चिकित्सकीय परामर्श नहीं है। यह समाचारों में उपलब्ध सामग्री के अध्ययन के आधार पर जागरूकता के उद्देश्य से तैयार की गई अव्यावसायिक रिपोर्ट मात्र है। आप इस समाचार के आधार पर कोई निर्णय कतई नहीं ले सकते। स्वयं डॉक्टर न बनें किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लें।)
Notes – 1. Oral cancer can form in any part of the mouth. Most oral cancers begin in the flat cells that cover the surfaces of your mouth, tongue, and lips.
(Source: MedlinePlus, National Library of Medicine.)
(Source : ncbi )
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