इंदौर। शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है। शिक्षा में बदलाव के बगैर ना तो देश तरक्की कर सकता है और ना ही जातिगत भेदभाव समाप्त हो सकता है। शिक्षा व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जो ज्ञान के साथ कौशल विकास भी दे। वर्तमान सरकारें चाहे केंद्र की हो या राज्य कि वे केवल कौशल विकास की योजनाएं चला रही हैं। शिक्षा नीति सही नहीं होने से ही बेरोजगारी बढ़ रही है। शिक्षा और रोजगार के लिए गांव से लेकर शहर तक लड़ाई शुरू करने की जरूरत है।
उक्त विचार प्रसिद्ध शिक्षाविद अनिल सदगोपाल ने इंदौर में आयोजित भाई वैद्य स्मृति राष्ट्रीय संगोष्ठी में बोलते हुए व्यक्त किए।
संगोष्ठी का आयोजन सोशलिस्ट पार्टी इंडिया ने किया था।
डॉक्टर सदगोपाल ने कहा कि समतामूलक और मुफ्त शिक्षा (Equal and free education) के लिए देशव्यापी अभियान की जरूरत है। यदि शिक्षा और रोजगार दे दिया जाता तो कश्मीर में आतंकवाद (Terrorism in Kashmir,) भी नहीं पनपता। शिक्षा और रोजगार देश में खुशहाली लाने का एकमात्र रास्ता है। आपने कहा कि शिक्षा के बाजारीकरण और निजीकरण पर रोक लगना चाहिए साथ ही एक मजबूत समृद्ध और सार्वजनिक वित्त पोषित मुफ्त शिक्षा व्यवस्था के जरिए बराबरी और सामाजिक न्याय की बुनियाद शिक्षा मुहैया कराना सरकार का कर्तव्य और जिम्मेदारी है। जन जागरूकता नहीं होने से सरकारी शिक्षा संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है और निजी शिक्षण संस्थाओं की लूट हो रही है।
अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ प्रेमसिंह ने कहा कि समान पाठ्यक्रम और मुफ्त शिक्षा से ही निजी शिक्षण संस्थाओं की लूट बंद होगी। आपने भाई वैद्य द्वारा समाजवादी अध्यापक सभा द्वारा
संगोष्ठी में बोलते हुए श्रीधर बर्वे ने भारतीय भाषाओं का सवाल उठाया वहीं दिलीप मिश्रा ने सहशिक्षा को जरूरी बताया। कैलाश देवड़ा ने शिक्षा पाठ्यक्रम समान करने पर जोर दिया।
सोशलिस्ट पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामस्वरूप मंत्री ने विषय प्रस्तावना रखते हुए कहा कि देश की एक लाख और मध्य प्रदेश के 17000 से ज्यादा स्कूल एक मास्टर के भरोसे चल रहे हैं। संविलयन के चलते सरकारी स्कूल बंद किए जा रहे हैं। समान पाठ्यक्रम से ही शिक्षा का निजीकरण रोका जा सकता है।
स्वागत भाषण सोशलिस्ट पार्टी मध्य प्रदेश के महासचिव दिनेश कुशवाहा ने दिया।
अतिथियों का स्वागत भारत सिंह यादव, विनोद श्रीवास्तव, अशफाक हुसैन, अंचल सक्सैना, छेदी लाल यादव, उषा यादव,जयप्रकाश गुगरी, मुकेश चौधरी आदि ने किया।
संचालन मोहम्मद अली सिद्दीकी ने एवं आभार अशफाक हुसैन ने माना।
श्रोताओं द्वारा पूछे गए सवालों के अनिल सद्गोपाल ने विस्तार से जवाब दिए।