हर कोई समय-समय पर तनाव महसूस करता है। हालांकि, लंबे समय तक तनाव ( Stress in Hindi) स्वास्थ्य समस्याओं को बिगाड़ने में योगदान दे सकता है। यहां कुछ उपाय दिए गए हैं जो आपको तनाव से निपटने में मदद कर सकते हैं:
कुछ लोग स्वयं को तनाव मुक्त करने और तनाव के बुरे प्रभावों का प्रतिकार करने के लिए निर्देशित इमेजरी (guided imagery) या प्रगतिशील मांसपेशियों में छूट (progressive muscle relaxation) जैसी विश्राम तकनीकों का उपयोग (relaxation techniques) करते हैं।
इस बात के प्रमाण हैं कि माइंडफुलनेस मेडिटेशन (mindfulness meditation) तनाव से जुड़े लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
तनाव प्रबंधन के लिए योग के कुछ अध्ययनों (yoga for stress management ) ने तनाव से संबंधित शारीरिक या मनोवैज्ञानिक उपायों में सुधार दिखाया है।
तनाव प्रबंधन के लिए योग के कुछ लेकिन सभी अध्ययनों ने तनाव से संबंधित शारीरिक या मनोवैज्ञानिक उपायों में सुधार नहीं दिखाया है।
तनाव एक शारीरिक और भावनात्मक प्रतिक्रिया है जिसका अनुभव लोग तब करते हैं जब वे जीवन में बदलाव का सामना करते हैं। तनाव एक सामान्य एहसास है। हालांकि, लंबे समय तक तनाव पाचन विकार, सिरदर्द,
तनाव अस्थमा को और खराब कर सकता है और इसे अवसाद, चिंता और अन्य मानसिक बीमारियों से जोड़ा गया है।
तनाव प्रबंधन के लिए विश्राम तकनीक Relaxation techniques for stress management
कुछ लोग तनाव मुक्त करने और तनाव के बुरे प्रभावों का प्रतिकार करने के लिए विश्राम तकनीकों (जिसे विश्राम प्रतिक्रिया तकनीक भी कहा जाता है) का उपयोग करते हैं।
विश्राम तकनीक अक्सर मन और शरीर को शांत करने के लिए श्वास और ध्यान को मनभावन विचारों और छवियों पर केंद्रित करती है।
विश्राम प्रतिक्रिया तकनीकों के कुछ उदाहरण ऑटोजेनिक प्रशिक्षण (autogenic training), बायोफीडबैक (biofeedback), गहरी सांस लेने, निर्देशित इमेजरी, प्रगतिशील विश्राम और आत्म-सम्मोहन (self-hypnosis) हैं।
वैज्ञानिक प्रमाण बताते हैं कि माइंडफुलनेस मेडिटेशन-एक अभ्यास जो ध्यान केंद्रित और स्पष्ट ध्यान बनाए रखने और वर्तमान के बारे में जागरूकता विकसित करने की क्षमता पैदा करता है-चिंता और अवसाद सहित तनाव के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
(नोट - यह खबर किसी भी मामले में चिकित्सकीय परामर्श नहीं है। आप इस खबर के आधार पर कोई निर्णय नहीं ले सकते। खुद डॉक्टर न बनें, किसी योग्य डॉक्टर से सलाह लें।)
सूचना का स्रोत -एनसीसीआईएच