जेनेवा, 7 फरवरी। दुनिया के जिन देशों में खतना-प्रथा (Genital Mutilation) प्रचलित है, वहां अगर यह प्रथा इसी प्रकार चलती रही तो 2030 तक 6.8 करोड़ लड़कियां खतने का शिकार बन सकती हैं। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का आकलन है। समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, छह फरवरी को संयुक्त राष्ट्र ने अंतर्राष्ट्रीय महिला जननांग खतना पूर्ण असहिष्णुता दिवस (International Day of Zero Tolerance for Female Genital Mutilation) घोषित किया है। इस अवसर, पर डब्ल्यूएचओ ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से महिला जननांग खतना (Female Genital Mutilation) के खिलाफ कदम उठाने की अपील की। संगठन ने आगाह किया कि जहां यह प्रथा प्रचलित है, वहां लड़कियों को इसका ज्यादा खतरा है।
"महिला जननांग का खतना किए जाने से महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों का हनन होता है। इसे अब अवश्य रोका जाना चाहिए।"
"संयुक्त राष्ट्र द्वारा सुनिश्चित की गई तिथि छह फरवरी यह याद दिलाती है कि महिला जननांग खतना की प्रथा को समाप्त करने के लिए प्रयास करने की जरूरत है, क्योंकि इससे 20 करोड़ महिलाएं और लड़कियां प्रभावति हैं।"
Today is the International Day of Zero Tolerance for Female Genital Mutilation. #FGM violates women’s and girls’ rights.
It must stop now.
Let's #EndFGM! https://t.co/qbbOakoDNH pic.twitter.com/hRvdJNDMie
— World Health Organization (WHO) (@WHO) February 6, 2019
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